For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलि

गंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर ।
कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे डोर ।।

अलिकुल की गुंजार से, सुमन हुए भयभीत ।
गंध चुराने आ गए, छलिया बन कर मीत ।।

आशिक भौंरे दिलजले, कलियों के शौकीन ।
क्षुधा मिटा कर दे गए, घाव  उन्हें संगीन ।।

पुष्प मधुप का सृष्टि में, रिश्ता बड़ा अजीब ।
दोनों के इस प्रेम को, लाती गंध करीब ।।

पुष्प दलों को भा गई, अलिकुल की गुंजार ।
मौन समर्पण कर दिया, मुखर हुआ अभिसार ।।

सुशील सरना / 27424

  1. मौलिक एवं अप्रकाशित 

Views: 70

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on June 2, 2024 at 1:26pm

आदरणीय सुशील सरना जी बहुत बढ़िया दोहा छंद की प्रस्तुति हुई है। हार्दिक बधाई स्वीकार करें। इस दोहे को ऐसे भी कह सकते हैं 

आशिक भौंरे दिलजले, कलियों के शौकीन ।

क्षुधा मिटा देते रहें, घाव सदा संगीन ।।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on June 1, 2024 at 10:51pm

आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"जनाब तिलक राज कपूर जी आदाब, एक मुद्दत के बाद आपको तरही मुशाइरे में देख कर ख़ुशी हुई । तरही मिसरे पर…"
9 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय Tilak Raj Kapoor जी आदाब। तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही आपने। बधाई स्वीकार करें।"
11 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय संजय शुक्ला जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। सादर"
11 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय संजय शुक्ला जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
29 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"मुहतरमा रजना भाटिया जी आदाब, तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही है आपने मुबारकबाद पेश करता हूँ। कुछ…"
35 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें।"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"जनाब ज़ैफ़ जी आदाब, तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही है आपने मुबारकबाद पेश करता हूँ, कुछ सुझाव भी हैं…"
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय नादिर जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें।"
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीया रचना जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें।"
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय दयाराम जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें।"
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय दयाराम जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें।"
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय ज़ैफ़ जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें।"
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service