For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"सुनो! आजकल न्यूज चैनल पर अदालती कार्यवाही की खबर सुनकर, यूँ लगता है कि क़ानून तेज और सबसे ऊपर है"

"हाँ! बिलकुल सही कह रही हो. यार!  रिमोर्ट कहाँ है..? थोड़ा वाल्यूम कम करना, वकील साहब का फोन आ रहा है "

"नमस्ते वकील साहब! कहाँ तक पहुंचा मामला..? अगली तारीख कब है..? "

"उन लोगों ने कहीं से कुछ साक्ष्य प्रस्तुत किये है हम कमजोर पड़ सकते हैं. और अगली तारीख इसी माह है..?

"इसी माह्ह्ह.. वकील साहब! इतनी गर्मी पड़ रही है. मेरा परिवार के साथ सैर-सपाटे पर जाने का प्लान है. आप ऐसा कीजिये न. पिछली बार की तरह डॉक्टर से मिलकर... बाकि फिर साहब ,  आप तो न्याय के मन्दिर के पुजारी ठहरे.."

जितेन्द्र पस्टारिया

(मौलिक व् अप्रकाशित)

Views: 543

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 14, 2015 at 3:10am

आदरणीय मिथिलेश जी.

आपकी प्रोत्साहित करती सराहना हेतु आपका ह्रदय से आभारी हूँ

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 14, 2015 at 3:09am

आदरणीय सौरभ जी, सादर नमन

लघुकथा पर आपकी सकारात्मक स्वीकारोक्ति मन में सुखद संतोष भर देती है. आपका ह्रदय से आभारी हूँ.

सादर!


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 3, 2015 at 1:28am

बहुत खूब ! प्रस्तुति पर क्या पकड़ बनी है आपकी भाईजी.

हार्दिक शुभकामनाएँ इस सफल प्रसतुति पर !


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on June 25, 2015 at 1:54am

आदरणीय  जितेन्द्र पस्टारिया  जी इस सफल लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई 

न्यायपालिका को मज़ाक बनाए बैठे लोगो पर करारा व्यंग्य 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on June 14, 2015 at 9:26am

लघुकथा पर ,आप सभी की उपस्थिति व् प्रोत्साहन के लिए आप सभी का ह्रदय से आभारी हूँ, आदरणीय शुभ्रांशु जी, आदरणीय डा.आशुतोष जी, आदरणीय वीरेन्द्र मेहता जी, आदरणीय कृष्णा जी. स्नेह बनाए रखियेगा

सादर!

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on June 13, 2015 at 10:06pm

बेहतरीन लघुकथा पर बधाई भाई जितेन्द्र जी!

Comment by Dr Ashutosh Mishra on June 10, 2015 at 3:57pm

आदरणीय जीतेन्द्र जी.. आजकल बिलकुल ऐसा ही हो रहा है ..न्याय और न्यायलय तो जैसे मजाक हो गए हैं ..इस सुंदर चिंतन पर आपको तहे दिल बधाई सादर 

Comment by Shubhranshu Pandey on June 10, 2015 at 3:26pm

आदरणीय जितेन्द्र जी, 

अदालतों के कार्यवायी की महीनीं को आपने सुन्दर ढंग से प्र्स्तुत किया है.

सादर.

Comment by VIRENDER VEER MEHTA on June 10, 2015 at 10:25am

एक सार्थक कथा !  सादर बधाई स्वीकार करे.

नया प्रणाली में सुधार की इच्छा खुद को बदले बिना बे मानी ही है 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on June 9, 2015 at 1:02am

लघुकथा पर आपके विचार से लेखनकर्म को संतोष मिलता है आदरणीया राजेश दीदी. आपका ह्रदय से आभारी हूँ

सादर!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on नाथ सोनांचली's blog post ग़ज़ल (गर आपकी ज़ुबान हो तलवार की तरह)
"आ. भाई नाथ सोनांचली जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on मनोज अहसास's blog post अहसास की ग़ज़ल:मनोज अहसास
"आ. भाई मनोज जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
6 hours ago
AMAN SINHA posted a blog post

जिस दौर से हम तुम गुजरे हैं

जिस दौर से हम-तुम गुजरे है,वो दौर ज़माना क्या जाने?हम दोनों हीं बस किरदार यहाँ के,कोई अपना अफसाना…See More
9 hours ago
AMAN SINHA commented on AMAN SINHA's blog post मैं रोना चाहता हूँ
"आदरणीय नाथ सोनांचली साहब,  आपकी सराहना के लिये धन्यवाद । "
9 hours ago
मनोज अहसास posted a blog post

अहसास की ग़ज़ल:मनोज अहसास :इस्लाह के लिए

1222×4एक ताज़ा ग़ज़ल प्रस्तुत है मित्रों इसमें यह सुझाव देने की कृपा करें कि यदि तक की जगह भी कर…See More
10 hours ago
मनोज अहसास commented on मनोज अहसास's blog post अहसास की ग़ज़ल:मनोज अहसास
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय नाथ जी सादर"
20 hours ago
Dr. Geeta Chaudhary commented on Dr. Geeta Chaudhary's blog post कविता: "एक वज़ह"
"बहुत आभार सर!"
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Chetan Prakash's blog post गज़ल ः
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।  सबूतों बात ये कह दी अभी…"
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Dr. Geeta Chaudhary's blog post कविता: "एक वज़ह"
"आ. गीता जी, सादर अभिवादन। सुंदर भावपूर्ण रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Rachna Bhatia's blog post आलेख - माँ की देखभाल औलाद की नैतिक जिम्मेदारी
"आ. रचना बहन सादर अभिवादन। सुंदर समसामयिक और शिक्षाप्रद लेख हुआ है। हार्दिक बधाई।"
22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बरसों बाद मनायें होली(गीत-२०)-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ . भाई सोनांचली जी, सादर अभिवादन। गीत पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
22 hours ago
नाथ सोनांचली commented on मनोज अहसास's blog post अहसास की ग़ज़ल:मनोज अहसास
"आद0 मनोज अहसास जी सादर अभिवादन। बढ़िया ग़ज़ल हुई है। बधाई स्वीकार कीजिये"
yesterday

© 2023   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service