शरीर तोड़ श्रम के बाद
थक-हार लेट गया
खेत की मेढ में पड़ी,
टूटी खटिया पर..
सर्द हवाओं के बीच
गुनगुनी धूप से तन को राहत मिल रही थी..
पर मन को सुकून नही
वो गुनगुना स्पर्श नही
जो कभी किसी स्पर्श से मिलता था..
सोचा..उठूँ, थोडा और श्रम करूँ
फिर बेजान हो इक लाश की तरह घर पहुँच कर,
बिस्तर पर छोड़ दूंगा
जो कल भोर होते ही
फिर से जी उठेगा...
चल घर तक चल..
घर राह तक रही है तेरी बूढी अंधी माँ
तेरे लिए गर्म पानी किया होगा
खाना संजोयें बैठी होगी..
एक असहाय पिता
जो आज भी
तेरे सिकुड़े शरीर पर दुलाई ओढा देता है..
तेरा जीवन सार्थक है,
व्यर्थ की बातों को अपने अन्तर से निकाल
जो दूसरों पर आश्रित रहकर
सुकून देती हों...
चल उठ...
एक छोटे बच्चे की तरह,
ताजगी भरा
अंदाज लेकर करना
उनका सामना
उन्हें सुकून मिले,
अब उनका सुकून ही तो
तेरा सब कुछ है...
जितेन्द्र ' गीत '
(मौलिक व् अप्रकाशित)
Comment
आदरणीय सौरभ जी, आपकी संतोषजनक प्रतिक्रिया से मेरी रचना धन्य हुयी, भविष्य में आपके //इस कविता के होने में बहुत सधी छलांग लगा गयी है आपकी रचनाधर्मिता. रचनाप्रयास के क्रम में सुलभ हुए इस विन्दु को सदा याद रखियेगा.// सुझाव का पूर्ण अनुकरण करूँगा, अपना स्नेहिल मार्गदर्शन बनाये रखियेगा
सादर!
भाई जीतेन्द्रजी, इस कविता के तथ्य जिस तरह से उभर कर सामने आये हैं वे चकित कर रहे हैं. इस कविता के होने में बहुत सधी छलांग लगा गयी है आपकी रचनाधर्मिता. रचनाप्रयास के क्रम में सुलभ हुए इस विन्दु को सदा याद रखियेगा.
इस कविता को लेकर शिल्प सम्बन्धी कुछ नहीं कहूँगा. बस आपको हार्दिक बधाई.
शुभ-शुभ
आदरणीया मीना दीदी, आपका हृदय से आभार , स्नेहिल आशीर्वाद बनाये रखियेगा
सादर!
आदरणीय राजेश 'मृदु' जी, आपका हार्दिक आभार, स्नेह बनाये रखियेगा
सादर!
आदरणीय विजय निकोर जी, आपके कहने //इस रचना में सपाट बयानी कुछ अधिक हो गई// का भविष्य में पूर्ण ध्यान रखूँगा, स्नेहिल आशीर्वाद व् मार्गदर्शन बनाये रखियेगा
सादर!
आदरणीय विजय मिश्र जी, आपकी विस्तृत प्रतिक्रिया से बड़ा मनोबल मिलता है, आपका हृदय से आभार, स्नेह व् आशीर्वाद बनाये रखियेगा
सादर!
आदरणीया सरिता जी, आपका हार्दिक आभार स्नेह बनाये रखियेगा
सादर!
आदरणीय अरुण अनंत जी, आपका हृदय से आभार, स्नेह बनाये रखियेगा
सादर!
आदरणीया वंदना जी,
आपकी प्रतिक्रिया //कविता में स्वयं से चलता हुआ वार्तालाप,और फिर महत्वपूर्ण निर्णय पर पहुंचना.//.से मुझे बड़ा आत्मबल मिला है, आपका रचना में सकारात्मक दृष्टिकोण को छू लेना, लेखनकर्म को सफल बनाता है, आपका बहुत बहुत आभार
सादर!
बढि़या प्रस्तुति है, सादर
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