For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग-1)

साथियों,
"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -1) अत्यधिक डाटा दबाव के कारण पृष्ठ जम्प आदि की शिकायत प्राप्त हो रही है जिसके कारण "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2) तैयार किया गया है, अनुरोध है कि कृपया भाग -1 में केवल टिप्पणियों को पोस्ट करें एवं अपनी ग़ज़ल भाग -2 में पोस्ट करें.....

कृपया मुशायरे सम्बंधित अधिक जानकारी एवं मुशायरा भाग 2 में प्रवेश हेतु नीचे दी गयी लिंक क्लिक करें 

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2)

Views: 26240

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आदरणीया वंदना जी, ग़ज़ल में शिरकत और सुखन नवाज़ी का तहे दिल से शुक्रिया. सादर 

मंच के सौवें तरही मुशायरे आयोजन में भाग लेना सभी के लिए सौभाग्य की बात है. शिरकत के लिए हार्दिक धन्यवाद और प्रस्तुति के लिए बधाइयाँ  

शुभ-शुभ

आदरणीय सौरभ भाई साहब, ग़ज़ल में शिरकत और सुखन नवाज़ी का तहे दिल से शुक्रिया. आपके श्रीमुख से अपना नाम सुनने को तरस गया हूँ, सादर. 

आदरणीय राज़ नवादवी जी सादर, बहुत खूबसूरत गजल कही है. गिरह का शेर भी बहुत उम्दा हुआ है. दिली मुबारकबाद कुबूलें. सादर. 

आदरणीय अशोक कुमार साहब, ग़ज़ल में शिरकत और सुखन नवाज़ी का तहे दिल से शुक्रिया. सादर 

सोच में अब भी तेरी जकड़न है
इस क़दर तू दबा गया है मुझे 


जनाब राज साहब उम्दा गज़ल के लिए मुबारकबाद आपको ...

फूल सी मीठी नींद देने वालो.....

इस मिसरे में एब ए तनाफुर है और अपनी जानकारी के लिए पूछ रहें हैं क्या इस मिसरे के अंतिम शब्द "वालों"को 1 2 में बांधा जा सकता है ??

आदरणीय नादिर खान साहब, ग़ज़ल में शिरकत और सुखन नवाज़ी का तहे दिल से शुक्रिया. जी, मैंने दरख्वास्त भी किया है, बीमारी की हालत में ग़ज़ल लिखी, और अभी भी बिस्तर ही पकड़ा हूँ. मैं मानता हूँ कई कमियाँ रह गईं. आप सुधीजनों के परामर्श से दुरुस्त कर लूँगा. जो आपने पूछा है वो दरअसल २२१ है, मिसरे के आखिर में ये छूट ली जा सकती है. सादर 

अच्छी ग़ज़ल हुई है आदरणीय राज़ नवादवी जी। हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए। कृपया आदरणीय समर कबीर सर और आदरणीय नादिर खान जी की बातों का संज्ञान लें। मक्ते के उला में 'को' दो बार टाइप हो गया है। सादर।

आदरणीय महेंद्र कुमार साहब, ग़ज़ल में शिरकत और सुखन नवाज़ी का तहे दिल से शुक्रिया. सुझाए गए दोष पे ध्यान दूंगा. सादर 

आदरणीय राज जी अच्छी ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ । मकता बहुत बढ़िया

आदरणीय रवि शुक्ला जी, ग़ज़ल में शिरकत और सुखन नवाज़ी का तहे दिल से शुक्रिया. सादर 

जनाब राज़ नवादवी साहब ..ग़ज़ल के कई शेर बेहतरीन हुए हैं और कई में कुछ ऐब रह गए हैं , पहले जो शेर कमाल के हुए हैं वो 

मुझपे आइद है लब की पाबंदी
सद्र सबका चुना गया है मुझे 

सोच में अब भी तेरी जकड़न है
इस क़दर तू दबा गया है मुझे 

राज़ मुझको को मिटाना है मुश्किल
ख़ूने दिल से लिखा गया है मुझे

और अब ऐब वाले शेर 

माना अशआर के नये निकले
जब भी दिल से सुना गया है मुझे //3 ...यहाँ शायद मआनी होना चाहिए था ..जो मिसरे को बेबहर कर देता|

तू न डर बात अपनी कहने से 
छुपके रोना तो आ गया है मुझे...तकाबुले रदीफ़ 

नेमते आशिक़ी नहीं कम ये 
सब्र करना तो आ गया है मुझे //6....तकाबुले रदीफ़ 

एक झोंके से शोले भड़के थे
एक झोंका बुझा गया है मुझे //....तकाबुले रदीफ़

फूल सी मीठी नींद देने वालो
वक़्त काँटा चुभा गया है मुझे //8...मिसरा-ए-ऊला बेबहर हो रहा है|

ढेर सारी मुबारकबाद|

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज जी इस बह्र की ग़ज़लें बहुत नहीं पढ़ी हैं और लिख पाना तो दूर की कौड़ी है। बहुत ही अच्छी…"
2 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहते हो बात रोज ही आँखें तरेर कर-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. धामी जी ग़ज़ल अच्छी लगी और रदीफ़ तो कमल है...."
3 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"वाह आ. नीलेश जी बहुत ही खूब ग़ज़ल हुई...."
3 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आदरणीय धामी जी सादर नमन करते हुए कहना चाहता हूँ कि रीत तो कृष्ण ने ही चलायी है। प्रेमी या तो…"
3 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आदरणीय अजय जी सर्वप्रथम देर से आने के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ।  मनुष्य द्वारा निर्मित, संसार…"
3 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"आदरणीय जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । हो सकता आपको लगता है मगर मैं अपने भाव…"
19 hours ago
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"अच्छे कहे जा सकते हैं, दोहे.किन्तु, पहला दोहा, अर्थ- भाव के साथ ही अन्याय कर रहा है।"
21 hours ago
Aazi Tamaam posted a blog post

तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या

२१२२ २१२२ २१२२ २१२इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्यावैसे भी इस गुफ़्तगू से ज़ख़्म भर…See More
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"परम् आदरणीय सौरभ पांडे जी सदर प्रणाम! आपका मार्गदर्शन मेरे लिए संजीवनी समान है। हार्दिक आभार।"
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . . . विविध

दोहा सप्तक. . . . विविधमुश्किल है पहचानना, जीवन के सोपान ।मंजिल हर सोपान की, केवल है  अवसान…See More
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"ऐसी कविताओं के लिए लघु कविता की संज्ञा पहली बार सुन रहा हूँ। अलबत्ता विभिन्न नामों से ऐसी कविताएँ…"
Tuesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

छन्न पकैया (सार छंद)

छन्न पकैया (सार छंद)-----------------------------छन्न पकैया - छन्न पकैया, तीन रंग का झंडा।लहराता अब…See More
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service