आदरणीय साथिओ,
Tags:
Replies are closed for this discussion.
बेहद प्रभावोत्पादक लघुकथा हुई है आ० प्रदीप नील वसिष्ठ जीI बेहद सधी हुई और कसी हुईI हार्दिक बधाई प्रस्तुत हैI
एक अरसे के बाद आपकी लघुकथा पढने को मिली | सुखद अनुभव हुआ है सच में नेताओ कि जेब में सरे विभाग होते है | इस बेहतरीन लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय प्रदीप नील जी |
प्रशासन पुलिस को जेब में रखने वाले राजनेताओं पर धारदार तंज .. हार्दिक बधाई आदरणीय प्रदीप नील वशिष्ठ जी
आदरणीय वशिष्ठ जी ! लघुकथा पठन से पता चलता है कि यह एक सशक्त हस्ताक्षर की प्रौढ़ लघुकथा है । लघुकथा की शुरूआत /पिछले तीन सालों में ऐसी अनहोनी तो कभी नहीं हुई थी / जो आम जनता के साथ रोजाना होता है जैसे पानी की किल्लत, बिजली ना होना वो सत्तारूढ़ रामदुलारे जी के लिए एक 'अनहोनी' थी । कमाल है वशिष्ठ साहिब एक पंक्ित में ही सिस्टम पर इतना गहन व तीक्ष्ण प्रहार ! नमन आपकी लेखनी को । लघुकथा के अंत /ये सारे विभाग आपके कुर्ते की जेब......./ बहुत ही शानदार ढंग से किया है। माने हवा भरे गुब्बारे में कोई हलके से सुईं चुभाे कर उसकी सारी हवा निकाल दे। बहुत कुछ सिखाती है आपकी यह लघुकथा । सादर
हार्दिक बधाई आदरणीय प्रदीप नील वसिष्ठ जी।आपकी लघुकथा गज़ब की प्रस्तुति है। आज की राजनीति का कच्चा चिट्ठा है।
आदरणीय प्रदीप नील वसिष्ठजी आप की लघुकथा पढ़ कर मजा आ गया. इस में बढ़ती हुई उत्तेजना बहुत कुछ बयान कर देती है. अंत में रामू के पास जा कर सभी उत्तेजनाएं तिरोहित हो जाती है.बहुत बढ़िया रचना. आप का ढेर सारी बधाई व आप का हार्दिक अभिनंदन.
प्रिय प्रदीप , कथा तो ठीक-ठाक लिख ही लेते हो तुम। बधाई मित्र।
आदरणीय प्रदीप भाई
लघु कथा अच्छी लगी। कहने का ढंग भी निराला। ह्रदय से बधाई इस सुंदर प्रस्तुति के लिए।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |