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मित्रों,
मैं व्यक्तिगत कारणों से आयोजनों में निरंतर सक्रिय नहीं रह पाता हूँ लेकिन यथासंभव प्रयास अवश्य करता हूँ फिर भी सभी प्रविष्टियों पर टिप्पणियॉं करना संभव नहीं हो पाता है इसलिये अग्रिम क्षमाप्रार्थना के साथ तरही प्रस्तुत कर रहा हूँ।
शिकायत कीजिये क्यूँकर, अगर ऐसा कराया है
खुदा ने तो हमेशा काम कुछ अच्छा कराया है।
कभी ऐसा कराया है, कभी वैसा कराया है
मुहब्बत ने हमें बाज़ार में रुस्वा कराया है।
जिसे कल बन्द कमरे में सुना था साजि़शें रचते
वही पूछा किया किसने यहॉं दंगा कराया है।
तलाशे गैर घर की बेटियों में गोश्त के टुकड़े
खुदा का शुक्र घर में आपने पर्दा कराया है।
वकालत कर रहा है आज, बच्चों की न शादी हो
इसी ने एक नाबालिग का कल गौना कराया है।
सियासत में कदम तो आपने भी रख दिया लेकिन
मिटाकर बस्तियॉं, सोचें, भला किसका कराया है।
खुदा तू साथ है मेरे, मुझे तो है यकीं, लेकिन
पड़ोसी ने यही कहने को इक जलसा कराया है।
अमानत है यही ईमां, खुदा से क्यूँ शिकायत हो
अगर इसने मेरे परिवार को फ़ाक़ा कराया है।
कभी हम तुम न बिछड़ेंगे, हमारी जि़द यही थी पर
ज़रा सी जि़द ने इस ऑंगन का बँटवारा कराया है।
हुआ है क्या नया ऐसा मुझे बतलाय कोई तो
किसी ने आज अरसा बाद मुँह मीठा कराया है।
सुना था आप हैं ज्ञानी, समझकर काम करते हैं
ज़रा बतलायें किसने आपसे ऐसा कराया है।
मेरे ही एक बाज़ू को, उठा कॉंधे पे चलता है
मेरी बढ़ती हुई ताकत को यूं ठंडा कराया है।
मदारी सा नचाता है, सदा बाज़ार को 'राही'
कभी उँचा उठाया है, कभी मंदा कराया है।
bahut bahut bahut sundar rachna sir....
//हुआ है क्या नया ऐसा मुझे बतलाय कोई तो
किसी ने आज अरसा बाद मुँह मीठा कराया है।//
बहुत खूब कपूर साहिब !
मेरे ही एक बाज़ू को ,उठा कांधे पे चलता है,
मेरी बढती हुई ताक़त को यूं ठंडा करायाहै।
बेहतरीन शे'र , उम्दा ग़ज़ल तिलक राज जी को "सलाम"।
कभी ऐसा कराया है, कभी वैसा कराया है
मुहब्बत ने हमें बाज़ार में रुस्वा कराया है। - तो क्या हुआ? मुहब्बत हासिल तो हो गयी ना.
जिसे कल बन्द कमरे में सुना था साजि़शें रचते
वही पूछा किया किसने यहॉं दंगा कराया है। - कड़वी सच्चाई.
तलाशे गैर घर की बेटियों में गोश्त के टुकड़े
खुदा का शुक्र घर में आपने पर्दा कराया है। - अपना खून-खून है औरों का खून पानी... सोहराब मोदी का संवाद याद आ गया.
वकालत कर रहा है आज, बच्चों की न शादी हो
इसी ने एक नाबालिग का कल गौना कराया है। - जरूर कोई नेता होगा.
सियासत में कदम तो आपने भी रख दिया लेकिन
मिटाकर बस्तियॉं, सोचें, भला किसका कराया है। - आसान उत्तर अपना खुदका. अच्छा कटाक्ष.
खुदा तू साथ है मेरे, मुझे तो है यकीं, लेकिन
पड़ोसी ने यही कहने को इक जलसा कराया है। - आजकल नुमाइशी कार्यक्रमों का चलन है.
अमानत है यही ईमां, खुदा से क्यूँ शिकायत हो
अगर इसने मेरे परिवार को फ़ाक़ा कराया है। - क्या बात है? यह ज़ज्बा हो तो दुनिया जन्नत हो जाये.
कभी हम तुम न बिछड़ेंगे, हमारी जि़द यही थी पर
ज़रा सी जि़द ने इस ऑंगन का बँटवारा कराया है। - भारत-पाकिस्तान की कहानी यही है... काश यह आँगन न बँटा होता.
हुआ है क्या नया ऐसा मुझे बतलाय कोई तो
किसी ने आज अरसा बाद मुँह मीठा कराया है। - बहुत खूब.
सुना था आप हैं ज्ञानी, समझकर काम करते हैं
ज़रा बतलायें किसने आपसे ऐसा कराया है। - अंदाज़े-बयां पसंद आया.
मेरे ही एक बाज़ू को, उठा कॉंधे पे चलता है
मेरी बढ़ती हुई ताकत को यूं ठंडा कराया है। - वाह... वाह...
मदारी सा नचाता है, सदा बाज़ार को 'राही'
कभी उँचा उठाया है, कभी मंदा कराया है। - वो ऊपरवाला मदारी दुनिया के बाज़ार को ऐसे ही नचा रहा है मगर आप जैसा दानिश ही समझ पाता है. हमारे जैसे नासमझ तो खुद को करता समझ लेते हैं.
शानदार और जानदार ग़ज़ल. उस्तादाना कलाम को सलाम.
सादर वन्दन
आपकी विस्तृत विवेचना के लिये विशेष रूप से आभारी हूँ।
ग़ज़ल कहने का मेरा हौसला उनकी अमानत है
जिन्होने चार शब्दों को ग़ज़ल जैसा कराया है।
तिलक सर सबसे पहले तो मुशायरा का उद्घाटन करने हेतु धन्यवाद, आपकी यह ग़ज़ल १०० मीटर वाली रेस की तरह है जिसमे सभी के सभी शे'र एक दुसरे से आगे निकलने की जुगत में है, सभी शे'र कमाल के कहे है , बेहतरीन ख्यालात पूरी ग़ज़ल में परलक्षित है, कुछ शे'र मुझे बहुत ही अच्छे लगे जैसे ................
तलाशे गैर घर की बेटियों में गोश्त के टुकड़े
खुदा का शुक्र घर में आपने पर्दा कराया है।
आहा , क्या पते की बात कही है , लाख परदा लगा ले , पर यदि वो दूसरो के पर्दों में झाकना नहीं छोड़ा तो उनका परदा फटने में देर नहीं लगेगा | बहुत ही बुलंद ख्याल |
सियासत में कदम तो आपने भी रख दिया लेकिन
मिटाकर बस्तियॉं, सोचें, भला किसका कराया है।
वाह वाह , सियासत का नंगा रूप दिखा दिया आपने |
तिलक सर इस प्रस्तुति पर बहुत बहुत बधाई स्वीकार करे |
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