For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जो बातें होठों तक न आ पाएँ 

उसे कागजों पर 

उकेरा करो .... 

दिल में न रखा करो 

ओंठ न सिया करो 

कुछ बातें लिखनी मुश्किल हो 

तो आँखों से कह दिया करो 

जब तन्हा हुआ करो 

तो आवाज़ दिया करो 

जो हसरत तेरी चाहत मे हो 

मेरे दामन से ले लिया करो 

गुफ्तगू

जम कर किया करो ....

मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 449

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Amod Kumar Srivastava on November 19, 2013 at 7:03pm

आ0 आशुतोष जी, आ0 अरुण शर्मा जी, आ0 सौरभ जी  आप सभी का बहुत बहुत आभार .... उत्साहवर्धन के लिए... 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on November 17, 2013 at 1:52pm

बहुत अच्छे.  कुछ और बताइये.. .

Comment by अरुन 'अनन्त' on November 17, 2013 at 1:01pm

बहुत सुन्दर आदरणीय अच्छा ख्याल है बधाई स्वीकारें

Comment by Dr Ashutosh Mishra on November 16, 2013 at 3:22pm

आदरणीय आमोद जी ..बेहतरीन ..बिलकुल सही कहा है आपने ..सादर बधाई के साथ 

Comment by Amod Kumar Srivastava on November 15, 2013 at 10:02pm

आ0 शिज्जु शकूर जी, आ0 गोपाल नारायण जी, आ0 मीना जी, आ0 गिरिराज जी आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद  उत्साहवर्धन के लिए ... आभार... 

Comment by डॉ. अनुराग सैनी on November 15, 2013 at 10:01pm

बधाई तो मिलेगी ही,

गुफ्तगू करने को जी चाहता है मगर लब खामोश रहते है ,

ये असर है तेरी नजरो का जो हम मदहोश रहते है ! साधुवाद 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on November 15, 2013 at 9:42pm

आदरणीय आमोड भाई , बहुत बढ़िया बात कही है भाई , बधाई !!!!!

Comment by Meena Pathak on November 15, 2013 at 5:46pm

हार्दिक बधाई गुप्तगू के लिए | सादर 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on November 15, 2013 at 11:27am

आमोद जी

अभी  आपकी  उम्र है खूब गुफ्तगू कर ले  i सच ही गुफ्तगू करने के  अंदाज  बहुत है i

अभिव्यक्ति सुन्दर है i


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on November 15, 2013 at 9:04am

आदरणीय आमोद जी बेहतरीन रचना के लिये बधाई स्वाकार  करें

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service