For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल -- दुनिया से जो बशर गये, लौटे हैं क्या कभी ? ( दिनेश कुमार )

221 -------- 2121 -------- 1221 - - - - 212

मानिंद-ए-शम्अ बज़्म में आ कर ग़ज़ल कहें
आलम है तीरगी का, मिटा कर ग़ज़ल कहें

रस्ते के सब पड़ाव क़वाफ़ी की शक़्ल हों
और लक्ष्य को रदीफ़ बना कर ग़ज़ल कहें

मफ़हूम क्या हो, चर्ख़े-तख़य्युल का चाँद हो
महफ़िल को हुस्ने-ख़्वाब दिखा कर ग़ज़ल कहें

गुलकन्द की मिठास, तग़ज़्ज़ुल, जदीदियत
हर शेर में ये ख़ूबियाँ ला कर ग़ज़ल कहें

होंठों पे सामयीन के आ जाए मरहबा
अल्फ़ाज़ उँगलियों पे नचा कर ग़ज़ल कहें

जिस बज़्म में न पीने-पिलाने का दौर हो
हम जैसे रिन्द क्या वहाँ जा कर ग़ज़ल कहें

दुनिया से जो बशर गये, लौटे हैं क्या कभी ?
याद उनकी अपने दिल में बसा कर ग़ज़ल कहें

तब आएगा यक़ीं कि ग़ज़लगो हैं आप भी
दिल के तमाम ज़ख़्म छुपा कर ग़ज़ल कहें

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 591

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on June 23, 2017 at 11:22pm
बेहतरीन..हर एक शे'र लाजबाब बधाइयाँ

तब आएगा यक़ीं कि ग़ज़लगो हैं आप भी
दिल के तमाम ज़ख़्म छुपा कर ग़ज़ल कहें..जबरजस्त
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on June 23, 2017 at 10:41pm

शुभान  अल्लाह . क्या मुकम्मिल गजल कही है , वाह वाह  और वाह .


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 18, 2017 at 9:14pm

वाह्ह्ह वाह्ह्ह शानदार ग़ज़ल कही है आद० दिनेश कुमार जी दिल से मुबारकबाद कुबूलें 

Comment by बसंत कुमार शर्मा on June 17, 2017 at 9:31pm

बेहतरीन ग़ज़ल 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on June 17, 2017 at 9:17pm
आपकी यह ग़ज़ल मुझे सर्वाधिक पसंद आयी ढेर सारी बधाई आदर्नीयभै दिनेश जी आपकी रचना में उर्दू के शब्द बहुतायत से होते हैं उनके अर्थ लिखने का आपसे निवेदन कर रहा हूँ सादर
Comment by Sushil Sarna on June 15, 2017 at 7:18pm

तब आएगा यक़ीं कि ग़ज़लगो हैं आप भी
दिल के तमाम ज़ख़्म छुपा कर ग़ज़ल कहें
वाह क्या बात है आदरणीय दिनेश जी ... दिलकश अशआर दिल के अहसासों से लबरेज़ हैं। इस खूबसूरत ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें सर।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी की  टिप्पणी क़ाबिले ग़ौर…"
13 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी नमस्कार बेहतरीन ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये हेर शेर क़ाबिले तारीफ़ हुआ है, फिर भी…"
18 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय जी नमस्कार बहुत ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गिरह ख़ूब, अमित जी की टिप्पणी…"
20 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
23 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी आदरणीय यही कि जिस मुक़द्दमे का इतना चर्चा था उसमें हारने वाले को सज़ा क्या हुई उसका भी चर्चा…"
23 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। सुझावों के बाद यह और बेहतर हो गयी है। हार्दिक बधाई…"
48 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"वक़्त बदला 2122 बिका ईमाँ 12 22 × यहाँ 12 चाहिए  चेतन 22"
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"ठीक है पर कृपया मुक़द्दमे वाले शे'र का रब्त स्पष्ट करें?"
4 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी  इस दाद और हौसला अफ़ज़ाई के लिए बहुत बहुत…"
4 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत शुक्रिय: आपका"
4 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
4 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय "
4 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service