For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जो बातें होठों तक न आ पाएँ 

उसे कागजों पर 

उकेरा करो .... 

दिल में न रखा करो 

ओंठ न सिया करो 

कुछ बातें लिखनी मुश्किल हो 

तो आँखों से कह दिया करो 

जब तन्हा हुआ करो 

तो आवाज़ दिया करो 

जो हसरत तेरी चाहत मे हो 

मेरे दामन से ले लिया करो 

गुफ्तगू

जम कर किया करो ....

मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 462

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Amod Kumar Srivastava on November 19, 2013 at 7:03pm

आ0 आशुतोष जी, आ0 अरुण शर्मा जी, आ0 सौरभ जी  आप सभी का बहुत बहुत आभार .... उत्साहवर्धन के लिए... 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on November 17, 2013 at 1:52pm

बहुत अच्छे.  कुछ और बताइये.. .

Comment by अरुन 'अनन्त' on November 17, 2013 at 1:01pm

बहुत सुन्दर आदरणीय अच्छा ख्याल है बधाई स्वीकारें

Comment by Dr Ashutosh Mishra on November 16, 2013 at 3:22pm

आदरणीय आमोद जी ..बेहतरीन ..बिलकुल सही कहा है आपने ..सादर बधाई के साथ 

Comment by Amod Kumar Srivastava on November 15, 2013 at 10:02pm

आ0 शिज्जु शकूर जी, आ0 गोपाल नारायण जी, आ0 मीना जी, आ0 गिरिराज जी आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद  उत्साहवर्धन के लिए ... आभार... 

Comment by डॉ. अनुराग सैनी on November 15, 2013 at 10:01pm

बधाई तो मिलेगी ही,

गुफ्तगू करने को जी चाहता है मगर लब खामोश रहते है ,

ये असर है तेरी नजरो का जो हम मदहोश रहते है ! साधुवाद 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on November 15, 2013 at 9:42pm

आदरणीय आमोड भाई , बहुत बढ़िया बात कही है भाई , बधाई !!!!!

Comment by Meena Pathak on November 15, 2013 at 5:46pm

हार्दिक बधाई गुप्तगू के लिए | सादर 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on November 15, 2013 at 11:27am

आमोद जी

अभी  आपकी  उम्र है खूब गुफ्तगू कर ले  i सच ही गुफ्तगू करने के  अंदाज  बहुत है i

अभिव्यक्ति सुन्दर है i


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on November 15, 2013 at 9:04am

आदरणीय आमोद जी बेहतरीन रचना के लिये बधाई स्वाकार  करें

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन पर आपकी विस्तृत समीक्षा का तहे दिल से शुक्रिया । आपके हर बिन्दु से मैं…"
2 hours ago
Admin posted discussions
22 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
23 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपके नजर परक दोहे पठनीय हैं. आपने दृष्टि (नजर) को आधार बना कर अच्छे दोहे…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"प्रस्तुति के अनुमोदन और उत्साहवर्द्धन के लिए आपका आभार, आदरणीय गिरिराज भाईजी. "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल आपको अच्छी लगी यह मेरे लिए हर्ष का विषय है। स्नेह के लिए…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति,उत्साहवर्धन और स्नेह के लिए आभार। आपका मार्गदर्शन…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय सौरभ भाई , ' गाली ' जैसी कठिन रदीफ़ को आपने जिस खूबसूरती से निभाया है , काबिले…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील भाई , अच्छे दोहों की रचना की है आपने , हार्दिक बधाई स्वीकार करें "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है , दिल से बधाई स्वीकार करें "
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service