For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तीन क्षणिकाएँ (गणेश बाग़ी)

तीन क्षणिकाएँ ...

एक: पन्ने
कुछ पन्ने
अलग करने योग्य
जुड़ने चाहिए
बच्चों की कापियों में
ताकि ...


वो खेल सकें
राजा-मंत्री, चोर-सिपाही
उड़ा सकें
हवाई जहाज
चला सकें
कागज की नाव
बिना डर,
बगैर किसी
असुविधा के ।

***
दो : कोना
बचाकर रखता हूँ
एक छोटा-सा कोना
अपने दिल में ...

जब होता हूँ
मैं बेहद अकेला
बैठा लेता हूँ चुपके से
उसमें अपने बचपन को
और करता हूँ
ढेर सारी बातें
सुख की, दुख की ।

***

तीन : जमा-पूँजी
बड़े जतन से
सँजोयी थी
एक पिता ने
उम्र भर की
जमा-पूँजी
खिला-खिला कर बच्चों को
लेमनचूस....

बिटिया फेंक आयी
उसे लपेटकर
कैडबरी के रैपर में
वैलेंटाइन के रोज ।
(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 394

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Vijai Shanker on March 14, 2020 at 4:52am

आदरणीय इंजीo गणेश जी बागी जी , कहाँ अतीत से निकाल लाएं ये सुन्दर पंक्तियाँ ? यूं तो ये ख़जाने बहुतों के पास होते हैं , बस हर कोई यूं ही अतीत में जाता आता नहीं। भावपूर्ण क्षणिकाओं के बहुत बहुत बधाई , सादर।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 12, 2020 at 6:31am

आ. भाई गणेष जी बागी सादर अभिवादन । अच्छी क्षणिकाएँ हुई हैं । हार्दिक बधाई ।


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on March 8, 2020 at 10:32am

आदरणीय समर साहब, प्रणाम, आपको क्षणिकाएँ अच्छी लगी, लेखन सार्थक हुआ, बहुत बहुत आभार । रचनाओं पर आपकी समीक्षात्मक टिप्पणियां मैं पढ़ लेता हूँ, किन्तु प्रतिउत्तर समय की अनुपलब्धता के कारण तुरंत न हो पा रहा है, आप कहेंगे कि रचना सृजन के लिए कैसे समय मिल जाता है ? जैसा मैं इशारा समझ भी पा रहा हूँ, तो साहब आपको तो अच्छी तरह पता है कि कुछ चीजे Natural Call की तरह होती हैं जो स्वतः हो जाती हैं. रचना सृजन प्रक्रिया भी कुछ वैसा ही है. सादर।

Comment by Samar kabeer on March 8, 2020 at 7:28am

जनाब गणेश जी 'बाग़ी' साहिब आदाब,बहुत अच्छी क्षणिकाएँ लिखीं आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

ये बहुत प्रसन्नता की बात है कि आजकल आपकी रचनाएँ एक के बाद एक पटल पर पढ़ने को मिल रही हैं,लेकिन आप उन पर आई हुई टिप्पणियों के जवाब नहीं दे रहे हैं,कृपया इस तरफ़ ध्यान दें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

कुर्सी जिसे भी सौंप दो बदलेगा कुछ नहीं-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

जोगी सी अब न शेष हैं जोगी की फितरतेंउसमें रमी हैं आज भी कामी की फितरते।१।*कुर्सी जिसे भी सौंप दो…See More
13 hours ago
Vikas is now a member of Open Books Online
Tuesday
Sushil Sarna posted blog posts
Monday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम्. . . . . गुरु
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । विलम्ब के लिए क्षमा "
Monday
सतविन्द्र कुमार राणा commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"जय हो, बेहतरीन ग़ज़ल कहने के लिए सादर बधाई आदरणीय मिथिलेश जी। "
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"ओबीओ के मंच से सम्बद्ध सभी सदस्यों को दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयाँ  छंदोत्सव के अंक 172 में…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, जी ! समय के साथ त्यौहारों के मनाने का तरीका बदलता गया है. प्रस्तुत सरसी…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह ..  प्रत्येक बंद सोद्देश्य .. आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, आपकी रचना के बंद सामाजिकता के…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाई साहब, आपकी दूसरी प्रस्तुति पहली से अधिक जमीनी, अधिक व्यावहारिक है. पर्वो-त्यौहारों…"
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी  हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। आपकी सार्थक टिप्पणी से हमारा उत्साहवर्धन …"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंद पर उपस्तिथि उत्साहवर्धन और मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार। दीपोत्सव की…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय  अखिलेश कॄष्ण भाई, आयोजन में आपकी भागीदारी का धन्यवाद  हर बरस हर नगर में होता,…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service