For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल

2122 1212 22/112
हो खुदा पर यकीं अगर यारो
फिर न पैदा हो कोई डर यारो।

जिंदगी ये मिली हमें जिनसे
हों न देखो वे दर-ब-दर यारो।

ख़ार से जो भरी रहे हर दम
इश्क है ऐसी ही डगर यारो।

दर्द लगता दवा के जैसा अब
ये मुहब्बत का है असर यारो।

जो न मंजिल भी दे सके शायद
वो ख़ुशी दे रहा सफ़र यारो।

मौलिक अप्रकाशित

Views: 582

Facebook

You Might Be Interested In ...

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on November 7, 2018 at 7:45am

आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सादर नमन! हौंसलाफ़ज़ाई के लिए सादर आभार

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on November 7, 2018 at 7:44am

आदरणीय बृजेश भाई जी श्सआदर नमन! हौलाफ़ज़ाई के लिए सादर आभार।

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on November 7, 2018 at 7:43am

आदरणीय शेख़ शहज़ाद उस्मानी साहब सादर नमन! आपके स्नेह से प्रफुल्लित हूँ। यह आपकी मुझ नाचीज पर मुहब्बत ही है जो ऐसी उपमा का प्रयोग आपने किया जिसके लायक शायद ही इस जिंदगी में हो पाऊँ। बहुत-बहुत शुक्रिया। ये स्नेह बना रहे! आपको भी सपरिवार दीपोत्सव की असीम शुभकामनाएं!

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on November 7, 2018 at 7:39am

आदरणीय समर कबीर जी सादर नमन! हौंसलाफ़ज़ाई के लिए तहेदिल शुक्रिया। स्ल।  गोल्डनजुब्ली मुशायरे के ऐतिहासिक आयोजन में शिरकत न कर पाने का मलाल है। व्यस्तता इतनी है कि समय निकाल पाना ही मुश्किल हो रहा है। संक्षिप्त समय में कुछ कहने की कोशिश भी की थी, मगर कामयाब नहीं हो पाया। सादर

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on November 6, 2018 at 12:04pm

वाह। नूर-ए-ग़ज़ल। ग़ज़लालोक।  आस्था, आत्मविश्वास, हक़ीक़त, मुहब्बत-अख़लाक़ की संदेशवाहक बेहतरीन रचना हेतु हार्दिक बधाई। दीपोत्सव पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं मुहतरम जनाब सतविंद्र कुमार राणा साहिब।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on October 24, 2018 at 7:41pm

ख. भाई सतविन्द्र जी, अच्छी गजल हुई है । हार्दिक बधाई ।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on October 23, 2018 at 5:00pm

आदरणीय सतविंद्र जी बढ़िया ग़ज़ल कही है..सादर

Comment by Samar kabeer on October 22, 2018 at 10:50pm

जनाब सतविन्द्र कुमार राणा जी आदाब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।

आपने ओबी ओ के गोल्डन जुबली मुशायरे में शिर्कत नहीं की?

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल के लिए आपको हार्दिक बधाई "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी and Mayank Kumar Dwivedi are now friends
Monday
Mayank Kumar Dwivedi left a comment for Mayank Kumar Dwivedi
"Ok"
Sunday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी रिश्तों पर आधारित आपकी दोहावली बहुत सुंदर और सार्थक बन पड़ी है ।हार्दिक बधाई…"
Apr 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"तू ही वो वज़ह है (लघुकथा): "हैलो, अस्सलामुअलैकुम। ई़द मुबारक़। कैसी रही ई़द?" बड़े ने…"
Mar 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"गोष्ठी का आग़ाज़ बेहतरीन मार्मिक लघुकथा से करने हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह…"
Mar 31
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आपका हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी।"
Mar 31
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। बहुत सुंदर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
Mar 31
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"ध्वनि लोग उसे  पूजते।चढ़ावे लाते।वह बस आशीष देता।चढ़ावे स्पर्श कर  इशारे करता।जींस,असबाब…"
Mar 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"स्वागतम"
Mar 30
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. रिचा जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Mar 29
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Mar 29

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service