For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

राखी के पावन त्यौहार पर कुछ दोहे

राखी के पावन त्यौहार पर कुछ दोहे :


राखी का त्यौहार है, बहना की मनुहार।
इक -इक धागा प्यार का, रिश्तों का उपहार।।


'भाई बहना से सदा', माँगे उसका प्यार।
राखी पावन प्रेम के ,बंधन का आधार।।


बाँध जरा तू हाथ पर, बहना अपना प्यार।
दूँगा तुझको आज वो, जो मांगे उपहार।।

राखी है इस हाथ पर, बहना तेरी शान।
तेरे पावन प्यार पर, मुझको है अभिमान।।


सावन में सावन बहे, आँखों से सौ बार।
राखी पर परदेस से,'बहना भेजे प्यार'।।


आ न सकी परदेस से, राखी अबकी बार।
राखी के त्यौहार पर,बह निकली जलधार।।


सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 724

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 28, 2018 at 11:58pm

आदरणीय सुशील सरनाजी, आपकी कोशिशों और भावमय दोहों से मन मुग्ध है. 

सावन और रक्षाबन्धन का अन्योन्याश्रय सम्बन्ध है. आपने इनकी अन्योन्याश्रयता को सहज किन्तु आवश्यक भाव दिया है. 

शुभातिशुभ

Comment by Sushil Sarna on August 27, 2018 at 7:16pm

आदरणीय समर कबीर साहिब, आदाब ... प्रस्तुति पर आपकी आत्मीय प्रशंसा एवं सुझावों का तहे दिल से शुक्रिया। बहुत सुंदर संशोधन हैं। मैं अभी एडिट करता हूँ। आपका पुनः आभार।

Comment by Sushil Sarna on August 27, 2018 at 7:14pm

आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'  जी सृजन की मनोहारी प्रतिक्रिया का हार्दिक आभार।

Comment by Sushil Sarna on August 27, 2018 at 7:14pm

आदo  babitagupta  जी सृजन की मनोहारी प्रतिक्रिया का हार्दिक आभार।

Comment by Sushil Sarna on August 27, 2018 at 7:13pm

आदरणीय  सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप' जी सृजन की मनोहारी प्रतिक्रिया का हार्दिक आभार।

Comment by Sushil Sarna on August 27, 2018 at 7:13pm

आदरणीय  डॉ छोटेलाल सिंह जी सृजन की मनोहारी प्रतिक्रिया का हार्दिक आभार।

Comment by Samar kabeer on August 27, 2018 at 6:09pm

जनब सुशील सरना जी आदाब,रक्षा बंधन के मौक़े पर अच्छे दोहे रचे आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ,साथ ही आपको रक्षा बंधन की बधाई भी ।

हर दम भाई बहिन से, माँगे उसका प्यार'

'इस पंक्ति के विषम चरण में 'बहिन से' की मात्रा 122 है, और होना चाहिए 212,इसे यूँ कर सकते हैं:-

'भाई बहना से सदा'

' बहिन ने भेजा प्यार'

इस पंक्ति में 12 मात्रा हैं, इसे यूँ कर सकते हैं:-

'बहना भेजे प्यार'

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on August 27, 2018 at 12:32pm

आ. भाई सुशील जी, सुंदर दोहे हुये हैं । हार्दिक बधाई ।

Comment by babitagupta on August 26, 2018 at 9:45pm

भाई बहिन के रूढने मनाने वाले पर्व की अच्छी पंक्तियाँ,बधाई स्वीकार कीजियेगा ।आदरणीय सरजी।

Comment by नाथ सोनांचली on August 26, 2018 at 7:24pm

आद0 सुशील सरना जी सादर अभिवादन।  प्रासंगिक और समयानुकूल बेहतरीन दोहे, बधाई स्वीकार कीजिये

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"बहुत बेहतरीन ग़ज़ल। एक के बाद एक कामयाब शेर। बहुत आनंद आया पढ़कर। मतले ने समां बांध दिया जिसे आपके हर…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब जब मलाई लिख दिया गया है यानी किसी प्रोसेस से अलगाव तो हुआ ही है न..दूध…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, पहलगाम की जघन्य आतंकी घटना पर आपने अच्छे दोहे रचे हैं. उस पर बहुत…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, महाकुंभ विषयक दोहों की सार्थक प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद. एक बात…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"वाह वाह वाह !  आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे महान व्यक्तित्व को…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"जय हो..  हार्दिक धन्यवाद आदरणीय "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  जिन परिस्थितियों में पहलगाम में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया, वह…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी left a comment for Shabla Arora
"आपका स्वागत है , आदरणीया Shabla jee"
Monday
Shabla Arora updated their profile
Monday
Shabla Arora is now a member of Open Books Online
Monday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ जी  आपकी नेक सलाह का शुक्रिया । आपके वक्तव्य से फिर यही निचोड़ निकला कि सरना दोषी ।…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"शुभातिशुभ..  अगले आयोजन की प्रतीक्षा में.. "
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service