For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल नूर की- ग़लत को गर ग़लत कहना ग़लत है

१२२२/१२२२/१२२
.
ग़लत को गर ग़लत कहना ग़लत है   
मेरा दावा है ये दुनिया ग़लत है.
.
अगर मर कर मिले जन्नत तो फिर सुन
तेरा इक पल यहाँ जीना ग़लत है.
.
हमारी बात का मतलब अलग था,
अगरचे आप ने समझा ग़लत है.
.
मुझे है तज़्रबा तुम से ज़ियादा
मेरी मानों तो ये रस्ता ग़लत है.
.
कहानी में तो मिल जाते हैं दोनों
हक़ीक़त में जुदा होना ग़लत है.
.
कहे नंगे को नंगा एक बच्चा
कहे दरबार वह बच्चा ग़लत है.  
.
ग़लत साबित मुझे करने की ज़िद में
तुम्हारा यूँ बहक जाना ग़लत है.
.
तो आओ “नूर” से आँखे मिलाकर
बताओ उस को वो कितना ग़लत है.
.
निलेश "नूर"
मौलिक / अप्रकाशित 

 

Views: 710

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Nilesh Shevgaonkar on March 14, 2018 at 7:42pm

शुक्रिया आ. अजय तिवारी जी 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on March 14, 2018 at 7:42pm

शुक्रिया आ. डॉ आशुतोष जी 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on March 14, 2018 at 7:41pm

शुक्रिया आ. संतोष dada

Comment by Ajay Tiwari on March 14, 2018 at 7:20pm

ग़लत साबित मुझे करने की ज़िद में 
तुम्हारा यूँ बहक जाना ग़लत है.

बहुत खूब! आदरणीय निलेश जी, बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाई .

Comment by Dr Ashutosh Mishra on March 14, 2018 at 10:47am

आदरणीय भाई निलेश जी ..लाजबाब  ग़ज़ल हुयी है तमाम रंगों को अपने में समेटे इस शानदार प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई स्वीकार करें सादर 

Comment by santosh khirwadkar on March 13, 2018 at 10:26pm

 

क्या बात है आदरणीय भाई श्री नीलेश जी , बेहतरीन ग़ज़ल हुई !!
'हकीकत में जुदा होना ग़लत है" बहुत खूब !!

Comment by Nilesh Shevgaonkar on March 13, 2018 at 1:47pm

शुक्रिया आ हर्ष जी

Comment by Harash Mahajan on March 12, 2018 at 11:47pm

वाह आदरणीय नूर साहब । हर शेर दाद के काबिल है , दिली दाद इस बेहतरीन ग़ज़ल के लिए । हार्दिक बधाई ।

सादर ।

Comment by Nilesh Shevgaonkar on March 12, 2018 at 7:06am

शुक्रिया आ लक्ष्मण जी

Comment by Nilesh Shevgaonkar on March 12, 2018 at 7:05am

शुक्रिया आ नादिर खान साहब

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   वाह ! प्रदत्त चित्र के माध्यम से आपने बारिश के मौसम में हर एक के लिए उपयोगी छाते पर…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत कुण्डलिया छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"  आदरणीय चेतन प्रकाश जी सादर, कुण्डलिया छंद पर आपका अच्छा प्रयास हुआ है किन्तु  दोहे वाले…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त चित्रानुसार सुन्दर कुण्डलिया छंद रचा…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय सुरेश कुमार 'कल्याण' जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार सुन्दर कुण्डलिया…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"आती उसकी बात, जिसे है हरदम परखा। वही गर्म कप चाय, अधूरी जिस बिन बरखा// वाह चाय के बिना तो बारिश की…"
Sunday
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीया "
Sunday
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"बारिश का भय त्याग, साथ प्रियतम के जाओ। वाहन का सुख छोड़, एक छतरी में आओ॥//..बहुत सुन्दर..हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"चित्र पर आपके सभी छंद बहुत मोहक और चित्रानुरूप हैॅ। हार्दिक बधाई आदरणीय सुरेश कल्याण जी।"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आयोजन में आपकी उपस्थिति और आपकी प्रस्तुति का स्वागत…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"आप तो बिलासपुर जा कर वापस धमतरी आएँगे ही आएँगे. लेकिन मैं आभी विस्थापन के दौर से गुजर रहा…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service