For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल...तुम्हारी याद का मौसम--बृजेश कुमार 'ब्रज'

1222 1222 1222 1222
हमें जब आज़माता है तुम्हारी याद का मौसम
सुकूँ भी साथ लाता है तुम्हारी याद का मौसम

ग़मों ने कोशिशें तो लाख कीं पलकें भिंगोने की
लबों पर मुस्कुराता है तुम्हारी याद का मौसम

हमारे रूबरू ठहरो कभी पल भर तो समझाएं
हमें कितना सताता है तुम्हारी याद का मौसम

इसे मैं छोड़ आता हूँ कहीं सुनसान सहरा में
मगर फिर लौट आता है तुम्हारी याद का मौसम

वहाँ तुम हो तुम्हारी पुरकशिश कमसिन अदाएं हैं
यहाँ 'ब्रज' गुनगुनाता है तुम्हारी याद का मौसम
(मौलिक एवं अप्रकाशित)
बृजेश कुमार 'ब्रज'

Views: 830

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on December 23, 2017 at 8:33pm

सादर धन्यवाद आदरणीय कालीप्रसाद जी...

Comment by Kalipad Prasad Mandal on December 23, 2017 at 7:25pm

आ. भाई बृजेश जी बहुत उम्दा गज़ाल हुई है \हार्दिक बधाई 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on December 21, 2017 at 8:47pm

आदरणीय लक्ष्मण धामी जी बहुत बहुत आभार...स्नेह बनाये रखें..सादर

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 21, 2017 at 9:21am

आ. भाई बृजेश जी । बेहतरीन गजल हुई है । हार्दिक बधाई ।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on December 20, 2017 at 8:09pm

बहुत बहुत आभार आदरणीया कल्पना भट्ट जी..सादर

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on December 20, 2017 at 8:08pm

आदरणीय त्रिपाठी आप बहुत खूबसूरत लिखते हैं..और समर सर तो हमारे लिए एक स्कुल जैसे हैं..हौसलाफजाई के लिए आपका शुक्रिया..सादर

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on December 20, 2017 at 6:46pm

सुंदर प्रयास हुआ है आदरणीय| हार्दिक बधाई|

Comment by Naveen Mani Tripathi on December 20, 2017 at 1:56pm

भाई ब्रज जी सुंदर प्रयास हुआ है । सुंदर ग़ज़ल है   । मैं तो खुद अभी सीख रहा हूँ ।इस लिए त्रुटियों पर अवलोकन कबीर सर पर छोड़ देता हूँ ।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on December 19, 2017 at 9:53pm

बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय सतविंद्र जी..

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on December 19, 2017 at 9:52pm

तहेदिल से शुक्रिया आदरणीय सलीम साहब...सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम. . . . रोटी
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। रोटी पर अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
18 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
27 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
29 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
57 minutes ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"आदाब।‌ हार्दिक धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' साहिब। आपकी उपस्थिति और…"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं , हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया छंद
"आ. भाई सुरेश जी, अभिवादन। प्रेरणादायी छंद हुआ है। हार्दिक बधाई।"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"आ. भाई शेख सहजाद जी, सादर अभिवादन।सुंदर और प्रेरणादायक कथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
4 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"अहसास (लघुकथा): कन्नू अपनी छोटी बहन कनिका के साथ बालकनी में रखे एक गमले में चल रही गतिविधियों को…"
23 hours ago
pratibha pande replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"सफल आयोजन की हार्दिक बधाई ओबीओ भोपाल की टीम को। "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आदरणीय श्याम जी, हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service