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सुख की एक लाश ...

एक अंतराल के बाद
विस्मृति भंग हुई
तो चेतना
सूनी आँखों से
उबलते लावों में
परिवर्तित हो
बह निकली
व्याकुलता के कुंड में
प्रश्नों की ज्वाला में तप्ती
असंख्य अभिलाषाओं को समेटे
जीवन के अंतिम क्षितिज पर
ज़िंदा थी
एक लाश
सुख की


छिल गए
भरे हुए
घाव सभी
जब स्मृति जल ने
अपने खारेपन से
उनपर नमक छोड़ दिया
जलती रही देर तक
मात हो चुकी बाज़ी की
अवचेतन में सोयी
एक लाश
सुख की

न जाने
कितने संकेत
प्रतीक्षा की देहरी पर
श्वासहीन देह लिए
अनंत निद्रा में लीन हो गए
कितने मधुपल
तिमिर से समझौता कर
उसी में खो गए
शेष थी तो बस
अतीत के अवगुंठन में
अवसाद को जीती
सुख की
एक लाश

सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

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Comment by Sushil Sarna on October 30, 2017 at 1:03pm

आदरणीय  बृजेश कुमार 'ब्रज जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on October 29, 2017 at 10:38am
बहुत ही सुंदर सार्थक कविता हुई आदरणीय
Comment by Sushil Sarna on October 28, 2017 at 5:53pm

आदरणीय डॉ आशुतोष मिश्रा जी सृजन के भावों को अपने स्नेह से पोषित करने का दिल से आभार।

Comment by Sushil Sarna on October 28, 2017 at 5:53pm

आदरणीय सुरेन्द्र नाथ सिंह जी सृजन को अपनी आत्मीय सम्मान से सुसज्जित करने का दिल से आभार। 
आदरणीय डॉ आशुतोष मिश्रा जी सृजन के भावों को अपने स्नेह से पोषित करने का दिल से आभार।

Comment by Sushil Sarna on October 28, 2017 at 5:52pm

आदरणीय महेंद्र कुमार जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार 

Comment by Sushil Sarna on October 28, 2017 at 5:52pm

आदरणीय समर कबीर साहिब, आदाब , प्रस्तुति के भावों को सहमति देती आपकी प्रशंसात्मक प्रतिक्रिया का दिल से आभार।

Comment by Dr Ashutosh Mishra on October 26, 2017 at 5:03pm

आदरणीय सुशील जी शानदार बिचारों से ओतप्रोत इस रचना के लिए ढेर सारी बधाई सादर 

Comment by नाथ सोनांचली on October 25, 2017 at 1:17pm
आद0 सुशील सरना जी सादर अभिवादन। हर बार क़ई तरहः उम्दा रचना। बधाई इस प्रस्तुति पर।सादर
Comment by Mahendra Kumar on October 25, 2017 at 8:44am

बढ़िया कविता है आ. सुशील सरना जी. शीर्षक प्रभावी है. हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए. सादर.

Comment by Samar kabeer on October 24, 2017 at 6:53pm
जनाब सुशील सरना जी आदाब,बहुत सुंदर वैचारिक कविता लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

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