For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गजल(रेत कण से...)

2122 2122 2122 2
रेत- कण से इक घरौंदा मैं बनाता हूँ
अनछुए सब ख्वाब फिर उसमें सजाता हूँ।1

कोशिशें कितनी हुई हैं चाँद पाने की
हर दफा बिखरा पसीने में नहाता हूँ।2

हर लहर आभार कहकर लौट जाती है
प्यास का मारा हुआ मैं तिलमिलाता हूँ।3

बादलों की बदगुमानी का रहा कायल
बूँद पड़ जाये जरा नजरें गड़ाता हूँ।4

कह गयी बदली हवा अब रुत बदलनी है
मैं लुटा गठरी,हमेशा ही लजाता हूँ।5

सच कहा जाता नहीं, सब लोग कहते हैं,
आँच अंतर की जलाता हूँ,बुझाता हूँ।6

रास्ते मुश्किल,भले जितना अँधेरा हो,
रोशनी के वास्ते बढ़ता ही' जाता हूँ।7
"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 588

Facebook

You Might Be Interested In ...

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Manan Kumar singh on October 6, 2017 at 7:20pm
जनाब राज नवादवी जी,आपका शुक्रिया।
Comment by राज़ नवादवी on October 6, 2017 at 4:31pm

जनाब मनन कुमार जी,अच्छी ग़ज़ल की प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Manan Kumar singh on October 4, 2017 at 7:39am
आभारी हूँ आदरणीय उस्मानी जी।
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on October 4, 2017 at 1:10am
बढ़िया अशआर के साथ बेहतरीन सृजन के लिए सादर हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।
Comment by Manan Kumar singh on October 3, 2017 at 6:19pm
जनाब सलीम जी,आभारी हूँ।
Comment by Manan Kumar singh on October 3, 2017 at 6:17pm
आभारी हूँ आदरणीय समर साहिब,आदाब।
Comment by SALIM RAZA REWA on October 3, 2017 at 5:20pm
जनाब मनन कुमार जी,
ख़ूबसूरत ग़ज़ल के लिए बधाई
Comment by Samar kabeer on October 3, 2017 at 2:33pm
जनाब मनन कुमार जी आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई है,बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Manan Kumar singh on October 3, 2017 at 1:48pm
स्नेह बर्षा के लिए आभारी हूँ आदरणीय आरिफ भाई,आदाब।
Comment by Mohammed Arif on October 3, 2017 at 11:44am
आदरणीय मनन कुमार जी आदाब, अच्छी ग़ज़ल, मारक शे'र । हर शे'र कुछ कहता है । दिली मुबारकबाद क़ुबूल करें । बाक़ी गुणीजन अपनी राय देंगे ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब जब मलाई लिख दिया गया है यानी किसी प्रोसेस से अलगाव तो हुआ ही है न..दूध…"
13 hours ago
Ashok Kumar Raktale commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, पहलगाम की जघन्य आतंकी घटना पर आपने अच्छे दोहे रचे हैं. उस पर बहुत…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, महाकुंभ विषयक दोहों की सार्थक प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद. एक बात…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"वाह वाह वाह !  आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे महान व्यक्तित्व को…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"जय हो..  हार्दिक धन्यवाद आदरणीय "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  जिन परिस्थितियों में पहलगाम में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया, वह…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी left a comment for Shabla Arora
"आपका स्वागत है , आदरणीया Shabla jee"
Monday
Shabla Arora updated their profile
Monday
Shabla Arora is now a member of Open Books Online
Monday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ जी  आपकी नेक सलाह का शुक्रिया । आपके वक्तव्य से फिर यही निचोड़ निकला कि सरना दोषी ।…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"शुभातिशुभ..  अगले आयोजन की प्रतीक्षा में.. "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"वाह, साधु-साधु ऐसी मुखर परिचर्चा वर्षों बाद किसी आयोजन में संभव हो पायी है, आदरणीय. ऐसी परिचर्चाएँ…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service