For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तरही ग़ज़ल (है अजब चीज मुहब्बत मुझे मालूम न था)

ख़ुद से हो जाएगी नफरत मुझे मालूम न था
है अजब चीज़ मुहब्बत, मुझे मालूम न था ||

गम से हो जायेगी उल्फ़त मुझे मालूम न था
ऐसी होगी मेरी क़िस्मत मुझे मालूम न था ||

दूध में कोई नहाये कोई भूखा ही रहे
ऐसे होती है सियासत मुझे मालूम न था ||

ख़्वाब में रोज़ ही मिलते थे मग़र, यार मेरे
ख़्वाब होगा ये हक़ीक़त मुझे मालूम न था ||

वहम इक पाल लिया था मेरे दिल ने यूँ ही
थी उसे हँसने की आदत मुझे मालूम न था ||

यार कहता था ग़ज़ल वक़्त बिताने को कभी
आगे लग जायेगी ये लत मुझे मालूम न था ||

हुस्न की बिजली गिरी और हुए लोग तबाह
*यूँ भी आती है कयामत मुझे मालूम न था*||

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 830

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by नाथ सोनांचली on September 7, 2017 at 4:20am
आद0 सलीम रज़ा साहब सादर अभिवादन। ग़ज़ल पर आपकी शिरकत और बधाई का शुक्रिया। सादर
Comment by SALIM RAZA REWA on September 6, 2017 at 8:57pm
आदरणीय सुरेन्द्र जी इस खूबसूरत ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई..
Comment by नाथ सोनांचली on September 6, 2017 at 6:38pm
आद0 आशुतोष जी सादर अभिवादन, ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति औऱ उत्साहवर्धन के लिए सादर अभिवादन
Comment by Dr Ashutosh Mishra on September 6, 2017 at 5:35pm

आदरणीय सुरेन्द्र जी इस शानदार ग़ज़ल के लिए ढेर सारी बधाई स्वीकार करें सादर 

Comment by नाथ सोनांचली on September 6, 2017 at 3:06pm
जनाब तस्दीक अहमद खान जी ग़ज़ल में शिरकत के लिए बहुत बहुत आभार आपका। सादर
Comment by Tasdiq Ahmed Khan on September 6, 2017 at 2:39pm
जनाब सुरेन्द्र नाथ साहिब ,उम्दा ग़ज़ल हुई है ,दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फरमायें
Comment by नाथ सोनांचली on September 6, 2017 at 2:03pm
आद0 गुरप्रीत सिंह जी सादर अभिवादन, ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति और प्रोत्साहन के लिए हृदय तल से आभार।
Comment by नाथ सोनांचली on September 6, 2017 at 2:02pm
आद0 विजय निकोर जी सादर अभिवादन, गज़ल पर आपकी उपस्थिति और प्रतिक्रिया के लिए हृदय से आभार।
Comment by Gurpreet Singh jammu on September 6, 2017 at 9:43am

आदरणीय सुरेंद्र जी,, बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है,, बधाई स्वीकार करें  

Comment by vijay nikore on September 6, 2017 at 7:03am

अच्छी गज़ल के लिए हार्दिक बधाई।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी's blog post was featured

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
9 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . .तकदीर

दोहा सप्तक. . . . . तकदीर  होती है हर हाथ में, किस्मत भरी लकीर ।उसकी रहमत के बिना, कब बदले तकदीर…See More
9 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ छियासठवाँ आयोजन है।.…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय  चेतन प्रकाश भाई  आपका हार्दिक आभार "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय बड़े भाई  आपका हार्दिक आभार "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आभार आपका  आदरणीय  सुशील भाई "
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service