For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल - जाने किस किस से तेरी अनबन हो ( गिरिराज भंडारी )

2122   1212   22 /112

मेरी मदहोशियाँ भी ले जाना

मेरी हुश्यारियाँ भी ले जाना

 

इक ख़ला रूह को अता कर के

आज तन्हाइयाँ भी ले जाना 

 

जाने किस किस से तेरी अनबन हो

थोड़ी खामोशियाँ भी ले जाना

 

दिल को दुश्वारियाँ सुहायें गर

मुझसे तब्दीलियाँ भी ले जाना

 

कामयाबी न सर पे चढ़ जाये

मेरी नाकामामियाँ भी ले जाना

 

राहें यादों की रोक लूँ पहले

फिर तेरी चिठ्ठियाँ भी ले जाना

 

बे असर हो गयीं थीं आ मुझ तक

वो तेरी फबतियाँ भी ले जाना

 

मैं कुआँ सा हूँ, तू समन्दर है

तू..., तेरी किश्तियाँ भी ले जाना

 

ये न हो इल्म दे अकड़ तुझको

ख़ुद की कुछ  गलतियाँ भी ले जाना

 

सादा दिल बज़्म में नहीं टिकता  

यार...,  ऐयारियाँ भी ले जाना

********************************

मौलिक एवँ अप्राशित

Views: 941

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 16, 2017 at 9:04pm

आदरणीय सतविन्द्र भाई , आपका हार्दिक आभार उत्साह वर्धन के लिये ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 16, 2017 at 9:04pm

आदरनीय आशुतोष भाई , उत्साह वर्धन के लिये आभार आपका । आपने सही कहा , नाकामियाँ मे टंकण की गलती है , सुधार लूँगा ।

ऐयारियाँ = धुर्तता , चालाकियाँ


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 16, 2017 at 9:01pm

आदरणीय नरेन्द्र भाई , सराहना के लिये आभार आपका ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 16, 2017 at 9:00pm

आदरनीय श्याम नाराइन भाई , आपका हृदय से आभार उत्साह वर्धन के लिये ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 16, 2017 at 9:00pm

आ. आरिफ भाई , हौसला अफज़ाई का शुक्रिया ।

Comment by Naveen Mani Tripathi on May 16, 2017 at 5:43pm
लाजबाब सर ।
Comment by vijay nikore on May 16, 2017 at 1:52pm

गज़ल बहुत ही अच्छी लगी। आपको हार्दिक बधाई, आदरणीय भाई गिरिराज जी।

Comment by Nilesh Shevgaonkar on May 16, 2017 at 8:48am

आ. गिरिराज जी,

बहुत ख़ूब ग़ज़ल हुई है ..
बधाई 

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on May 15, 2017 at 6:49pm
आदरणीय गिरिराज सर हारदिक बधाई कबूल करें,उम्दा अशआर कहे हैं आपने
Comment by Dr Ashutosh Mishra on May 15, 2017 at 4:51pm

आदरणीय गिरिराज भाईसाब हमेशा की तरह शानदार रचना हुयी है इस रचना के लिए ढेर सारी बधाई सदर 

कामयाबी न सर पे चढ़ जाये

मेरी नाकामामियाँ भी ले जाना,,,,,,,,,,,,,नाकामामियां ये शब्द शायद गलत टाइप हो गया है 

ऐयारियां ...........इस शब्द का अर्थ क्या है सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"सादर प्रणाम🙏 आदरणीय चेतन प्रकाश जी ! अच्छे दोहों के साथ आयोजन में सहभागी बने हैं आप।बहुत बधाई।"
5 hours ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी ! सादर अभिवादन 🙏 बहुत ही अच्छे और सारगर्भित दोहे कहे आपने।  // संकट में…"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"राखी     का    त्योहार    है, प्रेम - पर्व …"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"दोहे- ******* अनुपम है जग में बहुत, राखी का त्यौहार कच्चे  धागे  जब  बनें, …"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"रजाई को सौड़ कहाँ, अर्थात, किस क्षेत्र में, बोला जाता है ? "
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय  सौड़ का अर्थ मुख्यतः रजाई लिया जाता है श्रीमान "
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"हृदयतल से आभार आदरणीय 🙏"
Thursday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service