२१२२,२१२२, २१२२, २१२
.
सोचने लगता हूँ अक्सर मैं कि क्या है ज़िन्दगी,
आग पानी आसमां धरती हवा है ज़िन्दगी.
.
मौत जो मंज़िल है उसका रास्ता है ज़िन्दगी,
या कि अपने ही गुनाहों की सज़ा है ज़िन्दगी.
.
बिन तुम्हारे इक मुसलसल हादसा है ज़िन्दगी,
सच कहूँ! ज़िन्दा हूँ लेकिन बेमज़ा है ज़िन्दगी.
.
ज़िन्दगी की हर अलामत यूँ तो आती है नज़र,
शोर है शहरों में फिर भी लापता है ज़िन्दगी.
.
दिल मुहल्ले में कभी फेरी लगाने आइये,
आप की यादों से भी ना-आशना है ज़िन्दगी.
.
जानें किस किस की सुनाती है कहानी तू मुझे
क्या मेरा क़िस्सा भी तूने सुन रखा है ज़िन्दगी?
.
निलेश "नूर"
मौलिक/ अप्रकाशित
Comment
शुक्रिया आ. महेंद्र जी
शुक्रिया आ. गिरिराज जी
शुक्रिया आ. बैजनाथ जी
आदरनीय नीलेश भाई , खूबसूरत गज़ल हुई है , हार्दिक बधाइयाँ स्वीकार करें ।
बहुत सुन्दर ग़ज़ल ....बधाई स्वीकार करें आदरणीय
शुक्रिया आ. राजेश दीदी
वाह्ह्ह्ह बहुत सुंदर ग़ज़ल हुई आद० नीलेश भैया शेर दर शेर दाद लीजिये .
शुक्रिया आ. डॉ आशुतोष जी
आदरणीय नूर जी .हर शेर एक से बढ़कर एक बहुत बढ़िया इस रचना के लिए हार्दिक बधाई सादर
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online