For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जीवन के हर मोड़ पर
हर मुश्किल के साथ
जब अपने बिछुड़ते गये
हर अँधेरे की दस्तक से
तथाकथित सच्चे मित्र
साथ छोड़ते गये
जीवन की नितांत
एकाकी सड़क पर
आज भी ‘वह’ लगातार
बिना थके, बिना रुके
मेरे साथ चली आ रही है
न सुख की आस
न आनंद की प्यास
न अभिलाषा प्रतिदान की
न लालसा सम्मान की
बगैर किसी शिकायत
एक निश्छल साथी
अविच्छिन्न सहचरी
मेरी परछाई I

तनूजा उप्रेती ,11.05.2016

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 457

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Tanuja Upreti on May 15, 2016 at 8:22am
आदरणीय रामबली जी व रामआसरे जी आपका बहुत बहुत आभार
Comment by Ram Ashery on May 15, 2016 at 7:28am

अति सुंदर बहुत बहुत बधाई हो 

Comment by Tanuja Upreti on May 12, 2016 at 10:39am

पसंद करने के लिए हार्दिक धन्यवाद आदरणीय विजय जी ,मेरा अनुमान है पूर्ण अन्धेरा होने पर भी परछाई कुछ देर के लिए हम में ही समा जाती है हमारा साथ फिर भी नहीं छोड़तीI

Comment by Dr. Vijai Shanker on May 12, 2016 at 10:28am
बहुत सुन्दर प्रस्तुति , परछाईं कभी साथ नहीं छोड़ती बशर्ते आप पर कुछ रौशनी पड़ती रहे , किसी भी तरफ से, या यूँ कहें की परछाईं साथ है तो आप पर कहीं न कहीं से रौशनी पड़ रही है। रौशनी पड़ रही माने उम्मीद। बधाई इस सारगर्भित रचना के लिए। आदरणीय सयशरी तनुजा उप्रेती जी , सादर।
Comment by Tanuja Upreti on May 12, 2016 at 10:08am

बहुत बहुत आभार आ० रामबली जी 

Comment by रामबली गुप्ता on May 11, 2016 at 4:02pm
बहुत खूब आद.तनुजा जी। शानदार प्रस्तुति

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Apr 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service