For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जहाँ में पाप जो पर्वत समान करते हैं (ग़ज़ल)

बह्र : 1212 1122 1212 22

 

जहाँ में पाप जो पर्वत समान करते हैं

वो मंदिरों में सदा गुप्तदान करते हैं

 

लहू व अश्क़, पसीने को धान करते हैं

हमारे वास्ते क्या क्या किसान करते हैं

 

कभी मिली ही नहीं उन को मुहब्बत सच्ची

जो अपने हुस्न पे ज़्यादा गुमान करते हैं

 

गरीब अमीर को देखे तो देवता समझे

यही है काम जो पुष्पक विमान करते हैं

 

जो मंदिरों में दिया काम आ सका किसके?

नमन उन्हें जो सदा रक्तदान करते हैं

-------------

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 796

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on April 19, 2016 at 5:41pm

शुक्रिया आदरणीय सतविन्द्र जी

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on April 19, 2016 at 5:41pm

बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय समर साहब

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on April 19, 2016 at 5:41pm

शुक्रिया आदरणीय लक्ष्मण जी

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on April 19, 2016 at 5:40pm

शुक्रिया आदरणीय सुशील जी

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on April 19, 2016 at 5:40pm

शुक्रिया आदरणीय सुरेश जी

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on April 19, 2016 at 5:39pm

शुक्रिया आदरणीय नरेन्द्र सिंह जी

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on April 19, 2016 at 5:38pm
शुक्रिया आदरणीय दिनेश जी
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on April 19, 2016 at 9:28am
खूबसूरत मतले,लाज़वाब अशआर!दिली मुबारकबाद आदरणीय !
Comment by Samar kabeer on April 18, 2016 at 11:20pm
जनाब धर्मेन्द्र कुमार सिंह जी,आदाब,बहुत ही उम्दा ग़ज़ल कही है आपने,आपकी ग़ज़ल में एक ख़ूबी यह होती है कि उस में नये नये इस्तआरे देखने को मिलते हैं,इस ग़ज़ल में भी यह ख़ूबी मौजूद है,शैर दर शैर दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाऐं ।
Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on April 18, 2016 at 11:21am

आ0 भाई धर्मेन्द्र जी इस सामाजिक संदेश देती  ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई l

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
6 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
6 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
9 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
9 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
9 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
9 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
9 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service