For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लघुकथा : पुण्य (डाॅ संध्या तिवारी)

"क्या बताऊँ मेरा कुत्ता टाॅमी दो दिन से बीमार है, बचा हुआ सारा खाना फेंकना पडता है "
"अरे बो मेरी बर्तन चौका बाली महरी को दे देना वह बासा कूसा सब खा लेती है। दुआ देगी, तुम्हे पुण्य लाभ होगा।"
पडोस की भाभी ने गम्भीरता से कहा ।

डाॅ संध्या तिवारी

Views: 496

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Shubhranshu Pandey on October 28, 2014 at 12:04pm

किसका खाना फ़ेका जाता है? घर के सदस्यों का या टामी का???

इस बात पर कथा के तत्व निर्भर करते हैं..

सादर.

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on October 15, 2014 at 6:07pm

पुण्य लाभ की जय हो !

Comment by harivallabh sharma on October 15, 2014 at 4:50pm

कुत्ते से बच गया तो पुन्य...तीक्ष्ण प्रहार आज की मानसिकता पर..सुन्दर सटीक बधाई आपको.


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on October 15, 2014 at 4:37pm

आजकल पुण्य की भी अपनी अपनी परिभाषाएँ गढ़ ली गईं हैं लोगों के द्वारा। लघुकथा सुन्दर हुई है डॉ संध्या तिवारी जी, हार्दिक बधाई स्वीकारें।


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on October 15, 2014 at 1:33pm

फेकने से बढ़िया पुण्य ही कमा लिया जाय, यह सोच गलत भी नहीं है, खाना खराब होने से पहले यदि जरूरतमंद को दे दिया जाय तो उसका कई लाभ है। गलत तो वह सोच है जिसमे लोगो को लगता है कि मेहरी आदमी नहीं जानवर है जो बासी और खराब खाना भी खा लेगी।
खैर लघुकथा सराहनीय है, कुछ टंकण त्रुटियों पर ध्यान आपेक्षित है, बधाई आदरणीया संध्या तिवारी जी।

Comment by khursheed khairadi on October 15, 2014 at 9:34am

आदरणीया संध्या तिवारी जी ,मार्मिक प्रसंग है |सादर अभिनन्दन 

Comment by vandana on October 15, 2014 at 6:48am

उफ़ !!! मार्मिक लघुकथा आदरणीय 

Comment by विनय कुमार on October 14, 2014 at 11:46pm

सुन्दर लघुकथा , बधाई..

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on October 14, 2014 at 11:36pm

भूखे की भूख है, पुन्य कमाने का अच्छा अवसर है. बढ़िया रचना आदरणीया डा. संध्या जी

Comment by somesh kumar on October 14, 2014 at 11:05pm

करारी चोट है |उन लोगों पर जो शायद अपनी जात भी भूल चुके हैं |  

सुंदर सृजन के लिए बधाई |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
5 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
6 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
8 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
8 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
8 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
8 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
9 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service