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ग़ज़ल -निलेश "नूर" लोग कहते हैं मोजज़ा होगा,

२१२२/१२१२/२२ 
.
लोग कहते हैं मोजज़ा होगा,
देखना कोई हादसा होगा.
.

ख़ूब ईमानदार बनता है,
नौकरी पर नया नया होगा.    
.

जब कहा, सिर्फ़ सच कहा उसने,
वो कभी आईना रहा होगा.
.

जिसकी सुहबत सुकून देती थी,
कैसे मानें कि बेवफ़ा होगा. 
.

एक मुद्दत के बाद धड़का दिल,
ज़ख्म-ए-दिल आज फिर हरा होगा. 
.

टूटता दिल भी एक नेमत है,
शायरी का चलो भला होगा.
.

शक्ल पर कुछ नहीं लिखा उसने,
कौन कैसा है, कौन क्या होगा. 
.

इक सितारे सा ख़ूब चमका “नूर”,
टूटकर अब कहीं गिरा होगा.
.
निलेश "नूर"

मौलिक और अप्रकाशित

Views: 770

Comment

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Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on July 10, 2014 at 3:36pm

नूर जी

बेहतरीन -----------

सभे अशआर  तराशे हुए  i  बा--नूर i


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 10, 2014 at 9:54am

जब कहा, सिर्फ़ सच कहा उसने,
वो कभी आईना रहा होगा.---------------वाह्ह्ह्ह 
.

जिसकी सुहबत सुकून देती थी,
कैसे मानें कि बेवफ़ा होगा. -------बहुत खूब 
.

एक मुद्दत के बाद धड़का दिल,
ज़ख्म-ए-दिल आज फिर हरा होगा. -----जबरदस्त 

बहुत शानदार ग़ज़ल हुई नीलेश जी सभी शेर प्रभावित करते हैं ,तहे दिल से बधाई आपको 
.

Comment by विनय कुमार on July 10, 2014 at 2:25am

एक मुद्दत के बाद धड़का दिल, ज़ख्म-ए-दिल आज फिर हरा होगा , बहुत खूब , बेहतरीन लिखा है आपने |

Comment by नादिर ख़ान on July 9, 2014 at 10:42pm

जिसकी सुहबत सुकून देती थी,

कैसे मानें कि बेवफ़ा होगा.
.
एक मुद्दत के बाद धड़का दिल,
ज़ख्म-ए-दिल आज फिर हरा होगा.
.
टूटता दिल भी एक नेमत है,
शायरी का चलो भला होगा....

आदरणीय नीलेश  जी खूबसूरत गज़ल के लिए बहुत बहुत  मुबारकबाद ....

Comment by Nilesh Shevgaonkar on July 9, 2014 at 8:56pm

शुक्रिया शिज्जू भाई ...दिल से 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on July 9, 2014 at 8:37pm

वाह निलेश भैया लाजवाब, हर शेर लाजवाब है। जितनी दफ़े पढ़ो कम है, लुत्फ़ बढ़ता ही जाता है दिली दाद कुबूल फरमाएँ इस बेहतरीन अशआर से सजी ग़ज़ल के लिये।

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