For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

'कि भाई भाई का दुश्मन है क्या किया जाए'

ग़ज़ल
1212 1122 1212 22 / 112

यही समाज की उलझन है क्या किया जाए
कि भाई भाई का दुश्मन है क्या किया जाए

हर एक शख़्स गरानी के दौर में देखो
ख़ुद अपने आप से बदज़न है क्या किया जाए

सभी ये कहते हैं यारो हम आशिक़ों के लिये
ये शब अज़ल ही से बैरन है क्या किया जाए

सफ़र प जाने से पहले ये सोचना है हमें
हर एक गाम प रहज़न है क्या किया जाए

जो तू नहीं है तो तेरे बग़ैर ऐ जानम
बहुत उदास ये मधुबन है क्या किया जाए

ये सोच सोच के दिल मेरा बैठा जाता है
ख़फ़ा फिर आज वो चितवन है क्या किया जाए

'समर' ख़ुशी का तसव्वुर करें तो कैसे करें
क़दम क़दम यहाँ शेवन है क्या किया जाए

"समर कबीर"

मौलिक/अप्रकाशित

Views: 1420

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Samar kabeer on February 5, 2022 at 3:17pm

जनाब आज़ी तमाम जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका आभारी हूँ ।

Comment by Aazi Tamaam on February 4, 2022 at 3:36pm

वाह गुरु क्या खूबसूरत ग़ज़ल है

हर इक शे'र लाजबाब है

शे र दर शे र बधाई स्वीकार करें

Comment by Samar kabeer on August 16, 2021 at 6:08pm

जनाब सालिक गणवीर जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिये आपका आभारी हूँ ।

Comment by सालिक गणवीर on August 14, 2021 at 6:05pm

 उस्ताद -ए -मुहतरम  समर कबीर साहिब

आदाब

मुरस्सा ग़ज़ल के लिए शैर दर शैर दाद -ओ मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं

Comment by Samar kabeer on August 7, 2021 at 2:48pm

जनाब सुशील सरना जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिये आपका आभारी हूँ ।

Comment by Sushil Sarna on August 7, 2021 at 1:33pm
वाह आदरणीय बेहद खूबसूरत अहसासों की शानदार गजल । सर दिल से मुबारक कबूल करें ।
Comment by Samar kabeer on August 6, 2021 at 2:56pm

जनाब अनीस अरमान जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिये आपका आभारी हूँ ।

Comment by Md. Anis arman on August 5, 2021 at 9:59am

बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है सर हर शेर लाजवाब है लफ़्ज़ों की कमाल की कलाकारी की है आपने बहुत कुछ सीखा जा सकता है इससे बहुत बहुत मुबारक 

Comment by Chetan Prakash on August 3, 2021 at 9:55pm

आदरणीय  समर कबीर साहब,  आदाब! सर, 'चितवन' बिल्कुल ठीक है, मैं उक्त मिसरा में चितवन के विकल्प के बारे  में पूछ  रहा था!  मेरी आप में आस्था है,  मैं काफिया 'चितवन' पर कोई  प्रश्न चिन्ह नहीं लगा  रहा हूँ । सादर 

Comment by Samar kabeer on August 3, 2021 at 6:36pm

//मेरा  आशथ , मौसम  सम्बंधित कुछ जैसे, कानन, अथवा, प्रेयसी इंगित बिम्ब है, तो आपकी  भाषानुसार 'जोबन ( यौवन )//

भाई, 'चितवन' शब्द आपको क्यों ठीक नहीं लग रहा?,कृपया स्पष्ट करने का कष्ट करें । 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अजय भाईजी  सभी पंक्तियों में योग की महिमा है और योग को जीवन शैली बनाने की प्रेरणा…"
24 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"चित्रानुरूप अच्छे छंदों का सृजन हुआ है आदरणीय अखिलेश जी।         …"
29 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"अच्छे छंद हुए हैं आदरणीया प्रतिभा पांडे जी। चित्र को अच्छे से परिभाषित किया है आपने।    …"
37 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभाजी  चित्र के अनुरूप और शिल्प बद्ध है आपकी प्रस्तुति, हार्दिक बधाई स्वीकार…"
40 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी,  आपकी तीनों छंद रचनाएँ प्रदत्त चित्र को, इसके भाव को शाब्दिक कर रही…"
46 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"रचना प्रयास को अपना अमूल्य समय देकर सराहने और उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ…"
1 hour ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"कुंडलिया छंद +++++++++ सारे चैनल देखिए, पढ़िए सब अखबार्। योग शक्ति को मानता, अब सारा संसार॥ अब सारा…"
2 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"कुण्डलिया छंद  _____ कहता है यह प्यार से,बात पते की चित्र।  सेहत की कुंजी मिले, बने…"
3 hours ago
Chetan Prakash commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदरणीय, 'नूर साहब, ग़ज़ल लेखन पर आपके सिद्धहस्त होने से मैंने कब इन्कार किया। परम्परागत ग़ज़ल…"
17 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अजय अजेय जी,  आपकी छंद-रचनाएँ शिल्पबद्ध और विधान सम्मत हुई हैं.  सर्वोपरि, आपके…"
18 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"योग ****    छोटी छोटी बच्चियाँ, हैं भविष्य की आस  शिक्षा लेतीं आधुनिक, करतीं…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service