For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बलात्कार - लघुकथा –

बलात्कार - लघुकथा –

चौबीस पच्चीस साल की युवती रोशनी पुलिस स्टेशन के गेट पर एक अनिर्णय और असमंजस की स्थिति में खड़ी थी।कभी एक कदम अंदर की ओर बढ़ाती लेकिन अगले ही पल पुनः उस कदम को पीछे कर लेती।

उसकी इस मनोदशा को उसका मस्तिष्क तुरंत ताड़ गया,"क्या हुआ? इतने जोश में निकल कर आईं थी।सब जोश ठंडा पड़ गया थाने तक आते आते।"

"नहीं ऐसी तो कोई बात नहीं है।मैं कुछ आगे पीछे की ऊँच नीच के बारे में सोच रही हूँ।"

"कमाल है, इसमें सोचना क्या है? बलात्कार हुआ है तुम्हारे साथ।"

तभी दिल बीच में बोल पड़ा,"क्यों जी, क्या यह पहली बार हुआ है ये बलात्कार?"

"नहीं भाई ऐसी बात नहीं है, तुम्हारी बात में भी थोड़ा दम तो है लेकिन पहले जो दो बार बलात्कार हुआ था, उसमें और इस बार के बलात्कार में बहुत फ़र्क़ है।"

"कैसा फ़र्क़ भाई, बलात्कार तो बलात्कार ही होता है।"

"तुम नहीं समझोगे? पहली बार जब बलात्कार हुआ था, ये दस साल की थीं। गाँव के खेत में एक अज्ञात लड़के ने ऐसा किया था। दूसरी बार जब शहर में दसवीं कक्षा की परीक्षा देने गई थीं तब एक अपरिचित शिक्षक ने ऐसा किया था। पहले जो कुछ हुआ अजनबी लोगों ने किया था।कोई पता ठिकाना ज्ञात नहीं था| लेकिन यह तो परिचित मित्र था।सहकर्मी था| मित्र क्या प्रेमी कहो। पिछले एक साल से प्रेम के गीत गुनगुना रहा था।"

"इससे तो यही प्रमाणित होगा कि सब कुछ मर्जी से हुआ।"

"अरे नहीं भाई, उसने धोखे से जन्म दिन मनाने के बहाने बुलाया था और यह सब कर दिया।"

"तो क्या जन्म दिन नहीं मनाया।"

"उसने कहा कि यह भी तो सेलीब्रेशन ही है।"

"अच्छा मेरे भाई एक बात बताओ, तुम तो बहुत ज्ञानी हो, जब पहले दो बार बलात्कार हुआ था तब तुमने थाने जाने की सलाह क्यों नहीं दी थी?"

"उस समय तो नाबालिग थी ना और फिर परिवार वालों ने डरा दिया था कि बदनामी होगी।"

"तो क्या अब बदनामी नहीं होगी।"

"अब तो उस लक्ष्मण रेखा को पार कर लिया है।"

"क्या मतलब? बात कुछ गले नहीं उतरी?"

"अरे यार समझा कर,  अब ये अपने शहर से, परिवार से दूर हैं, बालिग हैं और अपने पैरों पर खड़ी हैं।सब कुछ अकेले झेलने को तैयार हैं।"

लड़की दिल और दिमाग की इस ऊबाऊ बहस से उकता गई और उसके कदम थाने की चार दीवारी के अंदर बढ़ गये।

मौलिक, अप्रकाशित एवम अप्रसारित

Views: 614

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by TEJ VEER SINGH on January 12, 2022 at 6:40pm

हार्दिक आभार आदरणीय

नाथ सोनांचली जी

Comment by TEJ VEER SINGH on January 7, 2021 at 10:26am

हार्दिक आभार आदरणीय रचना भाटिया जी।

Comment by Rachna Bhatia on January 6, 2021 at 7:20pm

आदरणीय तेजवीर सिंह जी, संवेदनशील बात कहती हुई सार्थक लघुकथा कही आपने। हार्दिक बधाई।

Comment by TEJ VEER SINGH on January 5, 2021 at 6:28pm

हार्दिक आभार आदरणीय समर कबीर साहब जी।आदाब।

Comment by TEJ VEER SINGH on January 5, 2021 at 6:27pm

हार्दिक आभार आदरणीय  सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप' जी।

Comment by Samar kabeer on January 5, 2021 at 5:28pm

जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब, अच्छी लघुकथा लिखी आपने, बधाई स्वीकार करें ।

Comment by नाथ सोनांचली on January 5, 2021 at 1:00pm

आद0 तेजवीर सिंह जी सादर अभिवादन

मनोदशा का अच्छा वर्णन किया है आपने।लघुकथा पर बधाई स्वीकार कीजिये

Comment by TEJ VEER SINGH on January 4, 2021 at 11:24am

हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 4, 2021 at 6:22am

आ. भाई तेजवीर जी, सादर अभिवादन । अच्छी कथा हुई है । हार्दिक बधाई ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"विगत दो माह से डबलिन में हूं जहां समय साढ़े चार घंटा पीछे है। अन्यत्र व्यस्तताओं के कारण अभी अभी…"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"प्रयास  अच्छा रहा, और बेहतर हो सकता था, ऐसा आदरणीय श्री तिलक  राज कपूर साहब  बता ही…"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"अच्छा  प्रयास रहा आप का किन्तु कपूर साहब के विस्तृत इस्लाह के बाद  कुछ  कहने योग्य…"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"सराहनीय प्रयास रहा आपका, मुझे ग़ज़ल अच्छी लगी, स्वाभाविक है, कपूर साहब की इस्लाह के बाद  और…"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आपका धन्यवाद,  आदरणीय भाई लक्ष्मण धानी मुसाफिर साहब  !"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"साधुवाद,  आपको सु श्री रिचा यादव जी !"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"धन्यवाद,  आज़ाद तमाम भाई ग़ज़ल को समय देने हेतु !"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय तिलक राज कपूर साहब,  आपका तह- ए- दिल आभारी हूँ कि आपने अपना अमूल्य समय देकर मेरी ग़ज़ल…"
2 hours ago
surender insan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"जी आदरणीय गजेंद्र जी बहुत बहुत शुक्रिया जी।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
surender insan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीया ऋचा जी ग़ज़ल पर आने और हौसला अफ़जाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया जी।"
3 hours ago
Chetan Prakash commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय गिरिराज भंडारी जी । "छिपी है ज़िन्दगी मैं मौत हरदम वो छू लेगी अगर (…"
3 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service