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आदरणीया अन्विता जी ऐसी रचनाये बहुत कम देखने को मिलती हैं हमे कुछ पल के लिए लग रहा था मुक्तिबोध को पढ़ रहा हूँ, बहुत ही शानदार रचना दिल से बधाई
मुहतरमा अन्विता जी आदाब,अच्छी रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।
आ. अन्विता जी, अच्छी रचना हुई है । हार्दिक बधाई ।
सुश्री अन्विता जी, आपकी भावना को समझ रहा हूंँ और उस का सम्मान करता हूँ, लेकिन किसी से आदर पूर्वक उसके नाम के साथ संवाद करने में कोई निरादर नहीं होता है। इस के इलावा LATEST ACTIVITY/Top News · Everything में नाम से ही पता चल जाता है कि संबोधन किसके लिये है। सादर।
सुश्री अन्विता जी, आदाब। मन को झकझोरती एवं वास्तविकता का दर्पण दिखाती अच्छी रचना हुई है। बधाई स्वीकार करें।
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