For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

 

जीवन-कविता

बिटिया बैठी पास में

खेल रही थी खेल

मैं शब्दों को जोड़-तोड़

करता मेल-अमेल |

उब के अपने खेल से

आ बैठी मेरी गोद

टूट गया यंत्र भाव

मन को मिला प्रमोद |

बिना विचारे ही पत्नी ने

दी मुझको आवाज़

मैं दौड़ा सिर पाँव रख

ना हो फिर से नाराज़ |

लौटा सोचता सोचता

क्या जोड़ू आगे बात

पाया बिटिया पन्ना फाड़

दिखा रही थी दांत |

खिला देख चेहरा उसका

मिली दुर्लभ सुगंध

जीवन सुंदर पुष्पित बाग है

कविताएँ उसकी गंध |

मौलिक एवं अप्रकाशित

रचना तिथि-12/12 /17

 

      

Views: 383

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on December 16, 2017 at 8:34pm

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति..बधाई

Comment by somesh kumar on December 13, 2017 at 9:59am

आपके स्नेहाशीष बना रहे \रचना को अपना समय देने एवं उत्साहवर्धन के लिए साधुवाद |

Comment by नाथ सोनांचली on December 13, 2017 at 4:13am

आद0 सोमेश कुमार जी सादर् अभिवादन। बेहतरीन सर्जन हुई हैं। इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिये।

Comment by Samar kabeer on December 12, 2017 at 5:05pm

जनाब सोमेश कुमार जी आदाब,इस सुंदर प्रस्तुति हेतु बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Mohammed Arif on December 12, 2017 at 2:08pm

प्रिय सोमेश कुमार जी आदाब,

                          बिटिया को केंंद्र में रखकर अच्छी भावाभिव्यक्ति का नज़राना पेश किया । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
19 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"जी आ मैं आपसे सहमत हूँ लेकिन इस तरह से भी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए बिना सोचे समझे आप कह रहें हैं…"
5 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"जी आ अच्छी ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकारें इस्लाह भी ख़ूब हुई है"
5 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"जी आ अच्छी ग़ज़ल हुई गुणीजनों की इस्लाह भी ख़ूब हुई है बधाई स्वीकार करें"
5 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"ख़ूब ग़ज़ल हुई आ रिचा जी बधाई स्वीकार करें"
5 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"जी आ अच्छी ग़ज़ल हुई बधाई स्वीकार करें इस्लाह भी ख़ूब हुई"
5 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"ख़ूब कही अच्छी ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करें आ"
5 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"अच्छी और अलग अंदाज़ की ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करें आ"
5 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"जी अच्छी ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करें आ अमीर जी"
5 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"जी आ अच्छी ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई आ अमित जी की इस्लाह भी ख़ूब हुई"
5 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"बहुत बहुत शुक्रिया आ"
5 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"बहुत बहुत शुक्रिया आ"
5 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service