For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Rajesh kumari's Blog – December 2017 Archive (3)

सनम तुझसे ही जाता है वो मेरा रास्ता होकर (ग़ज़ल 'राज )

1222   1222  1222  1222 

हक़ीक़त की जुबाँ होकर सदाक़त की सदा होकर 

मिला क्या  जिंदगी तुझको बता यूँ आइना होकर 



उड़ा कर ले गई आँधी सभी अरमाँ सभी सपने 

लुटे हम तो ज़माने  में मुहब्बत के ख़ुदा होकर 



मुहब्बत के चमन में गुल मुक़द्दस खिल नहीं पाये 

तगाफ़ुल और रुसवाई मिली बस बावफ़ा होकर 



तआरुफ अब मिला जाकर हमें अपनी मुहब्बत का 

बनेगी दास्तां सच्ची फ़क़त अब तो फ़ना होकर 



हुई सब आम वो बातें जिन्होंने लांघ दी चौखट 

तमाशा बन गये आँसू इन…

Continue

Added by rajesh kumari on December 24, 2017 at 5:58pm — 20 Comments

इश्क़ करने की चलो आज सजा हो जाए (ग़ज़ल 'राज')

2122  1122  1122  22

इससे पहले कि नई और ख़ता हो जाए 

इश्क़ करने की चलो आज सजा हो जाए 



बेवफाई का तो दस्तूर निभाया तुमने  

अब कोई रस्म जुदाई की अदा हो जाए 

 

लो झुका दी है जबीं आप निकालो अरमां  

आज पूरी ये चलो दिल की रज़ा हो जाए

 

कू ब कू हो कोई चर्चा यहाँ अपना वल्लाह

शह्र में फिर कोई बदनाम वफ़ा हो जाए

 

जाते जाते मेरे दीयों को बुझाते  जाना

साथ जिनके मेरा हर ख़्वाब फ़ना हो जाए 

 ---मौलिक एवं…

Continue

Added by rajesh kumari on December 12, 2017 at 10:09am — 20 Comments

हमने जितने कंटक बोये, इस जीवन में चुनने हैं (गीत 'राज')

गीत

धरती अम्बर पर्वत नदियाँ,सबके ताने सुनने हैं

हमने जितने कंटक बोये, इस जीवन में चुनने हैं

सर्दी गर्मी की मार सही

या बिन मौसम बरसात सही

चंदा तारों से जगमग हों

या काली नीरव रात सही 

हमको तो अभिलाषाओं के,ताने बाने बुनने हैं

हमने जितने कंटक बोये,इस जीवन में चुनने हैं

इक मजहब की दीवार मिले  

या वर्ण वर्ग की रार मिले  

तेरे मेरे  की खाई हो

या द्वेष जलन का हार मिले

हमको तो रिश्तों के मानक ,खामोशी से गुनने…

Continue

Added by rajesh kumari on December 2, 2017 at 7:00pm — 11 Comments

Monthly Archives

2019

2018

2017

2016

2015

2014

2013

2012

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"परिवार के विघटन  उसके कारणों और परिणामों पर आपकी कलम अच्छी चली है आदरणीया रक्षित सिंह जी…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन।सुंदर और समसामयिक लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। प्रदत्त विषय को एक दिलचस्प आयाम देते हुए इस उम्दा कथानक और रचना हेतु हार्दिक बधाई आदरणीया…"
2 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदरणीय शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी टिप्पणी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। शीर्षक लिखना भूल गया जिसके लिए…"
3 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"समय _____ "बिना हाथ पाँव धोये अन्दर मत आना। पानी साबुन सब रखा है बाहर और फिर नहा…"
5 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हार्दिक स्वागत मुहतरम जनाब दयाराम मेठानी साहिब। विषयांतर्गत बढ़िया उम्दा और भावपूर्ण प्रेरक रचना।…"
9 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
" जय/पराजय कालेज के वार्षिकोत्सव के अवसर पर अनेक खेलकूद प्रतियोगिताओं एवं साहित्यिक…"
9 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हाइमन कमीशन (लघुकथा) : रात का समय था। हर रोज़ की तरह प्रतिज्ञा अपने कमरे की एक दीवार के…"
10 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। हार्दिक स्वागत आदरणीय विभारानी श्रीवास्तव जी। विषयांतर्गत बढ़िया समसामयिक रचना।"
11 hours ago
vibha rani shrivastava replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
""ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123विषय : जय/पराजय आषाढ़ का एक दिन “बुधौल लाने के…"
16 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। हार्दिक स्वागत आपकी रचना का। प्रदत्त विषयांतर्गत बेहद भावपूर्ण और विचारोत्तेजक कथानक व कथ्य…"
18 hours ago
रक्षिता सिंह replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"सादर प्रणाम, आदरणीय ।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service