Added by सतविन्द्र कुमार राणा on September 24, 2017 at 6:46am — 8 Comments
1222 1222 122
.
नही हमको जो भाता क्यों करें हम
कोई झूठा बहाना क्यों करें हम
हमीं से रौशनी है चार सू जब
तो बुझने का इरादा क्यूँ करें हम
खमोशी की सदा अक्सर सुनी है
न सुनने का बहाना क्यूँ करें हम
भरोसा जब नहीं खुद पे हमें ही
*वफ़ादारी का दावा क्यूँ करें हम*
हो झगड़ा आपसी सुलझाएँ खुद ही
ज़माने में तमाशा क्यों करें हम
न होता झूठ का कोई ठिकाना
फिर उसको ही तराशा क्यूँ करें हम
मौलिक…
Added by सतविन्द्र कुमार राणा on September 19, 2017 at 6:00am — 12 Comments
Added by सतविन्द्र कुमार राणा on September 3, 2017 at 8:00am — 3 Comments
2025
2024
2023
2021
2020
2019
2018
2017
2016
2015
1999
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2025 Created by Admin.
Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |