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आदमी को आदमी ही अब समझ ले आदमी (गजल)/सतविन्द्र कुमार राणा

2122 2122 2122.212
प्यार के अहसास को दिल की चुभन तक ले चलो
नफरतों को भूलकर फिर से मिलन तक ले चलो।

आदमी को आदमी ही अब समझ ले आदमी
आदमीयत को जमाने के चलन तक ले चलो

बन नहीं सकती अगर सरकार खुद के जोर से
साथ लेकर औरों को इसके गठन तक ले चलो

भूख से तड़पे न कोई ठण्ड से काँपे नहीं
रोटी कपड़ा हर किसी के अब बदन तक ले चलो

छोड़ कर जिसको हूँ आया चन्द सिक्कों के लिए
याद आता है मुझे,मेरे वतन तक ले चलो

छोड़ना तन को था मुश्किल बिन तेरे दीदार के
हो गया दीदार बस अब तो कफ़न तक ले चलो

मौलिक/अप्रकाशित

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Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on March 16, 2017 at 10:14pm
आदरणीय हेमंत कुमार जी,प्रयास पर उपस्थित होकर हौंसलाफ़ज़ाई करने के लिए तहेदिल शुक्रिया।आपने सही संकेत किया था,भूल सुधार कर लिया गया है सादर।
Comment by Hemant kumar on March 16, 2017 at 8:02am

bahut umnda gazal hui hai rana ji badhaiyan swikaren...akhari misare me le likhana rah gaya hai dekh len...

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on March 14, 2017 at 10:38pm
आदरणीय मोहम्मद आरिफ जी सादर नमन एवं हार्दिक आभार!
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on March 14, 2017 at 10:37pm
आदरणीय डॉ आसुतोष जी,गजल प्रयास को पसन्द कर हौंसलाफ़ज़ाई करने के लिए तहे दिल शुक्रिया!सादर नमन
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on March 14, 2017 at 10:35pm
आदरणीय तेजवीर जी प्रयास को सराहकर प्रोत्साहित करने के लिए,तहेदिल आभार, सादर नमन!
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on March 14, 2017 at 10:34pm
आदरणीय समर कबीर जी सादर नमन!कोशिश पर आपका उपस्थित होना और मार्गदर्शन और प्रोत्साहन हमेशा ही उर्जाप्रद है।आपको यह प्रयास पसन्द आया यह सार्थक हुआ।हारदिक आभार!
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on March 14, 2017 at 10:31pm
आदरणीय गुरप्रीत जी सादर,आपको यह प्रयास आपको अच्छा लगा मुझे हौंसला मिला।सीखने प्रारंभिक दौर में हूँ।कोशिश रहेगी कि आगामी प्रयास भी ऐसे कामयाब हो पाएँ।कृपया यह स्नेह यूँ ही बना रहे! सादर नमन
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on March 14, 2017 at 10:23pm
आदरणीय मोहम्मद आरिफ जी अनुमोदन और सराहना के लिए सादर हार्दिक बधाई।
Comment by Dr Ashutosh Mishra on March 14, 2017 at 11:13am
आदरणीय सतविंदर जी सभी शेर उम्दा है हर तरह के बिषय को समाहित करती रचना के लिए हार्दिक बधाई सादर
Comment by Dr Ashutosh Mishra on March 14, 2017 at 11:10am
आदरणीय सतविंदर जी सभी शेर उम्दा है हर तरह के बिषय को समाहित करती रचना के लिए हार्दिक बधाई सादर

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