For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

वीर चेतक(आल्हा छ्न्द)/सतविन्द्र कुमार राणा

*वीर चेतक*(वीर छ्न्द)

घोड़े देखे बहुत जगत में,देखा कब चेतक-सा वीर

बिजली-सी चुस्ती थी जिसमें लेकिन रहता रण में धीर

कद था छोटा ही उसका पर,लम्बा उसका बहुत शरीर

मारवाड़ की अश्व-नस्ल में राणा ने पाया वह बीर


हल्दी घाटी समर क्षेत्र में,राणा उसपे रहे सवार

चेतक मुख पर सूंड लगाए,गज पर करता चढ़-चढ़ वार

राणा का भाला चलता था,संग चली टापों की मार

आगे-पीछे हटता चेतक,दिखती रण कौशल में धार


हल्दी घाटी का हर कोना, चेतक झट से देता नाप

अरिदल का हिय कम्पित करती,पल-भर में ही उसकी टाप

प्राण शत्रु सैनिक के हरता,दे जाता उसको संताप

जब दौड़ा अरिमुख होकर वह,दुश्मन मरता अपने आप


युद्ध क्षेत्र में घायल चेतक,राणा की खतरे में जान

रक्षा करने को गौरव की,बहुत जरूरी उनके प्राण

चेतक दौड़ा उनको लेकर,कर डाला दरिया तो पार

लेकिन धरती पर वह गिरकर,जीवन स्वयं गया था हार

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 844

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on June 11, 2017 at 4:57pm
आदरणीय बृजेश भाई जी,प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत शुक्रिया,जय जय
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on June 11, 2017 at 4:56pm
आदरणीय महेंद्र कुमारजी उत्साहवर्धन के लिए बहुत-बहुत हार्दिक आभार आपका,सादर
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on June 11, 2017 at 4:54pm
आदरणीय सुशिल सरना जी उत्साहवर्धन के लिए बहुत-बहुत हार्दिक आभार,सादर
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on June 11, 2017 at 4:54pm
आदरणीय सुशिल सरना जी उत्साहवर्धन के लिए बहुत-बहुत हार्दिक आभार,सादर
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on June 11, 2017 at 4:53pm
आदरणीय बसन्त कुमार शर्मा जी,अनुमोदन व प्रोत्साहन के लिए बहुत-बहुत हार्दिक आभार स्वीकार करें!सादर
Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on June 10, 2017 at 8:46pm
क्या कहने आदरणीय..शानदार वीररस से परिपूर्ण रचना..सादर
Comment by Mahendra Kumar on June 10, 2017 at 4:54pm

वाह! वाह!! बहुत ही प्रभावशाली प्रस्तुति है आ. सतविन्द्र जी. हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए. सादर.

Comment by Sushil Sarna on June 9, 2017 at 3:15pm

आदरणीय सतविंदर जी चेतक की शौर्य गाथा को आपने बड़े ही मनोरम ढंग से चित्रित किया है। इस ऐतिहासिक क्षण की सुंदर प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई।

Comment by बसंत कुमार शर्मा on June 9, 2017 at 1:44pm

चेतक के सम्मान में श्रेष्ठ आल्हा छंद में  सृजन , बहुत बहुत बढ़िया आपको 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मनन कुमार सिंह जी। बोलचाल में दोनों चलते हैं: खिलवाना, खिलाना/खेलाना।…"
5 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आपका आभार उस्मानी जी। तू सब  के बदले  तुम सब  होना चाहिए।शेष ठीक है। पंच की उक्ति…"
6 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"रचना भावपूर्ण है,पर पात्राधिक्य से कथ्य बोझिल हुआ लगता है।कसावट और बारीक बनावट वांछित है। भाषा…"
6 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आदरणीय शेख उस्मानी साहिब जी प्रयास पर  आपकी  अमूल्य प्रतिक्रिया ने उसे समृद्ध किया ।…"
6 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आदाब। इस बहुत ही दिलचस्प और गंभीर भी रचना पर हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह साहिब।  ऐसे…"
7 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"जेठांश "क्या?" "नहीं समझा?" "नहीं तो।" "तो सुन।तू छोटा है,मैं…"
9 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"हार्दिक स्वागत आदरणीय सुशील सरना साहिब। बढ़िया विषय और कथानक बढ़िया कथ्य लिए। हार्दिक बधाई। अंतिम…"
12 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"माँ ...... "पापा"। "हाँ बेटे, राहुल "। "पापा, कोर्ट का टाईम हो रहा है ।…"
15 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"वादी और वादियॉं (लघुकथा) : आज फ़िर देशवासी अपने बापू जी को भिन्न-भिन्न आयोजनों में याद कर रहे थे।…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"स्वागतम "
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on नाथ सोनांचली's blog post कविता (गीत) : नाथ सोनांचली
"आ. भाई नाथ सोनांचली जी, सादर अभिवादन। अच्छा गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।"ओबीओ…See More
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service