Posted on January 25, 2014 at 5:23pm — 8 Comments
राधे श्याम जी पान की दूकान पर हाथ में सिगरेट छुपाये खड़े थे | तभी आठ -नौ साल का लड़का राजा दूकान से गुटखा खरीद खा कर चल दिया |
एक महोदय दुकानदार से -जब अठारह साल से कम उम्र के लोगों को तंबाकू पदार्थ ना देने का बोर्ड लगाये हैं फिर भी आपने क्यों दे दिया ?
दुकानदार -मुझे क्या मालूम की ये अपने लिए ले रहा है या घर के बड़ों के लिए | और यदि जान भी जाएँ कि ये खुद खायेगा तब भी मैं नहीं दूंगा तो किसी और दूकान से ले लेगा , मैं नुकसान में क्यों रहूँ ,खीं -खीं करते हुए बोला…
Posted on September 5, 2013 at 12:12pm — 8 Comments
बहुत उपचार के बाद भी चित्रा की गोद सूनी थी |पूरा परिवार चिंतित रहता था |चित्रा यज्ञं हवन के लिए पति राजेश पर दवाब देती तो नोक-झोक हो जाती थी |राजेश को पूजा पाठ पर विश्वास नहीं था | काफी मेहनत के बाद चित्रा की माँ अपने भगवान् तुल्य गुरूजी मायाराम बाबू से मिली |गुरूजी चित्रा के कुंडली में संतान के घर में अनिष्टकारी ग्रह देख एक ग्रह शांति का ख़ास अनुष्ठान कराने के लिए उनके घर आने को राजी हो गए |चित्रा भी उत्साहित हो गुरूजी की आवभगत की सारी तैयारियाँ कर ली थी | गुरूजी और चित्रा को पूजा…
ContinuePosted on September 2, 2013 at 12:17pm — 22 Comments
सुहानी सुबह में
खिली थी नन्ही कली
बगिया गुलजार थी
मेरी मौजूदगी से
आने जाने वाले
रोक न पाते खुद को
नाजुक थी कोमल थी
महका करती थी
माली ने सींचा था
खून पसीने से
देखा था सपना
सजोगी कभी आराध्य पर
कभी शहीदों के सीने पर
फूल भी गौरवान्वित थी
अपनी इस कली पर
कर रही थी रक्षा कांटे भी
पते ढक कर सुलाती थी
कली तो अभी कली थी
उसने खुद के लिए कुछ
सोचा भी नहीं था
लापरवाह थी भविष्य से…
Posted on August 30, 2013 at 5:30pm — 14 Comments
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Comment Wall (6 comments)
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आदरणीया शुभ्रा जी , रचना पसंद करने के लिए आपका तहेदिल से आभार और धन्यवाद !
आपका आभार
जन्म दिवस की ढेरों बधाई व शुभकामनायें. सादर अरुन शर्मा
मुख्य प्रबंधकEr. Ganesh Jee "Bagi" said…
शुभ्रा हो हर भोर, सांझ हो सुफला, अपनी यही कामना.
नर-नारी सद्भाव सहित हों साथ सदा है नेक कामना..
कोई किसी पर क्यों हो भारी?, दूर हो सके मारा-मारी.
हर आपद-विदा को जीतें, 'सलिल' साथ मिल करें सामना..
ओ बी ओ में आपका स्वागत है आदरणीया