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विनोद खनगवाल
  • Male
  • गोहाना, हरियाणा
  • India
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Profile Information

Gender
Male
City State
हरियाणा
Native Place
Goh
Profession
business

विनोद खनगवाल's Blog

नाम (लघुकथा)

 नेहा सुबह से उदास थी। शादी के पाँच साल होने को आए थे, पर उसकी गोद अब तक सूनी थी। उसकी और उसके पति की मेडीकल जाँच हो चुकी थी। सब ठीक था। फिर भी बात बन नहीं रही थी। बस सास इसी बात को लेकर अपने बेटे पर लगातार दबाव डाल रही थी कि वह उसे तलाक क्यों नहीं दे देता।

माँ की बातों में आकर आज सुबह ही अभिषेक तलाक के कागजात बनवाने वकील के पास चला गया था। भविष्य की चिंता को लेकर नेहा की आँखों में आँसू छलक आए थे। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे। उसे लग रहा था कि हो सकता है अभिषेक का गुस्सा ठंडा…

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Posted on October 23, 2016 at 10:37am — 7 Comments

पहल (लघुकथा)

निशा अपने सात साल के बेटे के साथ दिवाली की खरीदारी करके घर वापिस आ रही थी। रस्ते में कुछ बच्चे पटाखे जला रहे थे। सारे वातावरण में बारूद की गंध और धुँआ फैला हुआ था। अचानक उसके बेटे को तेज खाँसी शुरू हो गई और इतनी बढ़ गई कि वह बेहोश हो गया। लोगों ने मदद करके उनको जल्दी से हस्पताल पहुँचाया। थोड़ी देर बाद वह सामान्‍य हो गया।

"डॉक्टर साहब, मेरे बेटे को क्या हुआ था? चिंता की बात तो नहीं है ना?"- निशा ने घबराते हुए पूछा।

"हाँ, यह अब ठीक है, लेकिन चिंता की बात तो है। इसे साँस…

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Posted on October 18, 2016 at 10:43am — 3 Comments

नशा (लघुकथा)

"सुमन, गुरु जी के आशीर्वाद से तुम्हारा घर तो स्वर्ग बन गया है। अब गालियों की नहीं बल्कि सतसंग के भजनों की आवाजें आती रहती हैं।"
"हाँ बहन! सही कह रही हो" - सुमन ने सहमति जताते हुए कहा।- 'अब हकीकत भी कैसे बताए कि पहले पति की कमाई ठेके पर जाती थी और अब आश्रम में.....।'

मौलिक और अप्रकाशित

Posted on July 20, 2015 at 4:07pm — 8 Comments

फैसला (लघुकथा)

"हैलो रवि, घरवालों ने मेरी शादी तय कर दी है। प्लीज मुझे यहाँ से निकल ले चलो। मैं मंगलसूत्र पहनूंगी तो तुम्हारे हाथों से वरना अपनी जान दे दूंगी।"

"सुजाता, पागल मत बनो। यही तो बढिया मौका है अपने पास....."

"क्या मतलब?"

"अरे, हम अपनी जिंदगी की शुरुआत करेंगे लेकिन तुम्हारी शादी के बाद। तुम दोनों तरफ का माल समेट लेना। शादी के अगले दिन जब तुम मिलनी पर आओगी। मैं तुम्हें अपने साथ ले जाऊँगा। फिर दोनों मिलकर ऐश करेंगे ऐश।"

प्यार में पागल हुई सुजाता ने पूरी प्लानिंग के साथ काम…

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Posted on July 18, 2015 at 2:32pm — 4 Comments

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At 10:03pm on October 20, 2015,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें...

At 8:19pm on April 30, 2015, shashi bansal goyal said…
हार्दिक आभार आदरणीय विनोद खंडेलवाल जी जो आपने मेरी रचना पर अमूल्य समय दिया । सादर ।
 
 
 

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"आभार "
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"वाह आदरणीय वाह, पर्यावरण पर केंद्रित बहुत ही सुंदर रचना प्रस्तुत हुई है, बहुत बहुत बधाई ।"
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