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Posted on September 20, 2013 at 3:30pm — 15 Comments
दहेज प्रथा
सामाजिक पतन
कैसी ये व्यथा !!
भ्रूण संहार
अंसतुलित हम
गिरता स्तर !!
घना कोहरा
छायी उदासीनता
न हो सवेरा !!
उम्र नादान
विलक्षण प्रतिभा
छू आसमान !!
कड़वा सच
गिरती नैतिकता
देख दर्पण !!
मौलिक व अप्रकाशित
(प्रवीन मलिक)
Posted on September 16, 2013 at 12:30pm — 18 Comments
भाव दिल के
क्रमबद्ध सजाये
बनी कविता !!
तुकान्त लय
समान मात्रा गणना
बने मुुक्तक !!
तीन पंक्तियां
पंच सप्तम पंच
हाइकु शैली !!
विस्तृत भाव
भूमिकाबद्ध व्याख्या
बने कहानी !!
कम शब्दों में
दे सार्थक सन्देश
लघु कहानी !!
(मौलिक व अप्रकाशित)
प्रवीन मलिक ...
Posted on September 12, 2013 at 9:30pm — 13 Comments
जल-प्रलय
कुदरती कहर
नष्ट जीवन !!
कटते वन
प्रदूषित नदियाँ
विनाशलीला !!
लालची जन
प्राकृतिक आपदा
दोषी है कौन !!
दंगा-फसाद
मजहबी दीवार
यही है धर्म !!
कौम से प्यार
मानवता समाप्त
खून सवार !!
कुर्सी का खेल
देशभक्ति विलुप्त
दोषी को बेल !!
(मौलिक व अप्रकाशित)
प्रवीन मलिक .....
Posted on September 10, 2013 at 7:30am — 14 Comments
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आपने मुझे मित्रता योग्य समझा इसके लिए आपका आभार!
sundar rachna