For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गिरा रुपैया
बढती मँहगाई
कौन खेवैया !..........१

भ्रष्ट समाज
कलुषित है सोच
बेमानी आज. !..........२

शिशु मुस्कान
खिले अन्तकरण
फूल समान !.............३

अक्स तुम्हारा
चमकता चन्द्रमा
सबका प्यारा !............४

भगवा वस्त्र
ठगी है मानवता
उठाओ शस्त्र ! ...........५

विषाक्त मन
निकालो समाधान
व्याकुल हम !.............६

सोचो तो जरा
सुरक्षित कहाँ धी
बेमौत मरा ! ..............७

मौलिक व अप्रकाशित

प्रवीन मलिक................

Views: 678

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on September 26, 2013 at 11:24am

आ० परवीन जी 

बहुत खूबसूरत हायकू 

अंतिम हायकू पर एक बार पुनः गौर कर लें..

हार्दिक शुभकामनाएं ..

Comment by Parveen Malik on September 24, 2013 at 12:34pm
सादर धन्यवाद अरुन जी हौसलाअफजाई के लिए ....
Comment by Parveen Malik on September 24, 2013 at 12:33pm
आदरणीय लक्षमन लाडीवाला जी सादर आभार आपके स्नेह के लिए ...
Comment by Parveen Malik on September 24, 2013 at 12:31pm
आशिष नैथानी जी सादर धन्यवाद ...
Comment by Parveen Malik on September 24, 2013 at 12:30pm
रविकर जी
सादर धन्यवाद
आप पधारे !!

पाकर स्नेह
प्रसन्न हूँ बहुत
गुणीजन का !!
Comment by Parveen Malik on September 24, 2013 at 12:23pm
आदरणीय महिमा जी बहुत बहुत धन्यवाद ..
Comment by Parveen Malik on September 24, 2013 at 12:22pm
आदरणीय डॉ आशुतोष मिश्रा जी हृदयतल से आभार समय देने के लिए ..
Comment by Parveen Malik on September 24, 2013 at 12:20pm
आदरणीया अन्नपूर्णा जी हार्दिक धन्यवाद !
Comment by अरुन 'अनन्त' on September 23, 2013 at 4:00pm

वाह आदरणीया हाइकू पर आपका प्रयास बेहद सुन्दर है सही दिशा में है प्रयासरत रहें इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकारें.

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 23, 2013 at 3:50pm

सुन्दर रचे                    गिरा रुपैया 

सभी है सामयिक            बढ़ गया डालर 

मन को भाये                  किसका दोष 

हार्दिक शुभकामनाए परवीन मालिक जी | सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
20 minutes ago
Samar kabeer commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"भाई रामबली गुप्ता जी आदाब, बहुत अच्छे कुण्डलिया छंद लिखे आपने, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।"
5 hours ago
AMAN SINHA posted blog posts
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . विविध

दोहा पंचक. . . विविधदेख उजाला भोर का, डर कर भागी रात । कहीं उजागर रात की, हो ना जाए बात ।।गुलदानों…See More
yesterday
रामबली गुप्ता posted a blog post

कुंडलिया छंद

सामाजिक संदर्भ हों, कुछ हों लोकाचार। लेखन को इनके बिना, मिले नहीं आधार।। मिले नहीं आधार, सत्य के…See More
Tuesday
Yatharth Vishnu updated their profile
Monday
Sushil Sarna commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"वाह आदरणीय जी बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल बनी है ।दिल से मुबारकबाद कबूल फरमाएं सर ।"
Nov 8
Mamta gupta commented on Mamta gupta's blog post ग़ज़ल
"जी सर आपकी बेहतरीन इस्लाह के लिए शुक्रिया 🙏 🌺  सुधार की कोशिश करती हूँ "
Nov 7
Samar kabeer commented on Mamta gupta's blog post ग़ज़ल
"मुहतरमा ममता गुप्ता जी आदाब, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है, बधाई स्वीकार करें । 'जज़्बात के शोलों को…"
Nov 6
Samar kabeer commented on सालिक गणवीर's blog post ग़ज़ल ..और कितना बता दे टालूँ मैं...
"जनाब सालिक गणवीर जी आदाब, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है, बधाई स्वीकार करें । मतले के सानी में…"
Nov 6
रामबली गुप्ता commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"आहा क्या कहने। बहुत ही सुंदर ग़ज़ल हुई है आदरणीय। हार्दिक बधाई स्वीकारें।"
Nov 4
Samar kabeer commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"जनाब सौरभ पाण्डेय जी आदाब, बहुत समय बाद आपकी ग़ज़ल ओबीओ पर पढ़ने को मिली, बहुत च्छी ग़ज़ल कही आपने, इस…"
Nov 2

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service