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बृजमोहन स्वामी 'बैरागी'
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बृजमोहन स्वामी 'बैरागी''s Groups

 

welcome ! Its Brijmohan Swami. नमस्कार!! आप इस वक़्त बृजमोहन स्वामी 'बैरागी' की साहित्य कुटिया में पधारे हैं। हिंदी के सबसे छोटे बेटे, बृजमोहन स्वामी 'बैरागी' हिंदी और राजस्थानी प्रखर लेखक हैं।

Profile Information

Gender
Male
City State
नोहर, हनुमानगढ़ (राजस्थान)
Native Place
बरवाळी नोहर
Profession
कवि बृजमोहन स्वामी "बैरागी' की साहित्य झोंपड़ी में आपका स्वागत है। वर्तमान कार्य - अध्यापक, जीव विज्ञान संकाय
About me
ब्रह्माण्ड एक शून्य प्रक्रिया है।

कवि बृजमोहन स्वामी 'बैरागी' जी को अब आप विकिपीडिया (Wikipedia) फाउंडेशन की धरोहर में देख सकते हैं।

काव्य और विचार-------------------------स्वामी जी ने वर्तमान प्रगतिवादी साहित्यिक धारा को यतार्थवाद से जोड़कर काव्य लिखा है।पाश्चात्य और प्राचीन हिंदी लेखकों दोनों का ही इन पर गहरा प्रभाव पड़ा है। एक कविता का उध्दरण देखिये-,"धुंधले पन्रो के मिटते आखरों में ढूंढ रहा हूँ जीवन जोत की अनुपम लौ। और ढूंढते ढूंढते मिल गई मुझे अलमारी में ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविताएँ।"

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बृजमोहन स्वामी 'बैरागी''s Blog

सलमान खान मर चुका है !

आत्महत्या

के कई ख्याल,

मेरे दिमाग में आते है

उस तरह

जैसे बच्चों को को अपने खिलौनों के आते है।

खुद को

बौना महसूस करता हूँ

हर उस सेकण्ड

जब भी जीवन-मृत्यु के चक्र के

बीच

देखता हूँ इतिहास में मरे हुए लोग।

बना रहा था

एक चित्र,

मोनालिसा की बहन का/

और

मेरी होने वाली बेटी को पीले रंग के ब्रश से प्यार है।

इस वक़्त

हमारे घर के एकमात्र टीवी में

बना हुआ था माहौल/ इटली के भूकंप का।

टीवी की धारारेखीय शक्ल ने… Continue

Posted on April 16, 2017 at 8:45am — 5 Comments

रेंगती मौत : आधी कविता

चला जाता हूँ/

उस सड़क पर

जहां लिखा होता है-

"आगे जाना मना है।"



मुझे

खुद के अंदर

घुटन होती है

मैं समझता हूँ

लूई पास्चर को,

जिसने बताया की

करोड़ों बैक्टिरिया हमें अंदर ही अंदर खाते हैं

पर वो लाभदायक निकलते है

इसलिए

वो मेरी घुटन के जिम्मेदार नही हैं



कुछ और है जो मुझे खाता है/

चबा-चबा कर।

आपको भी खाता होगा कभी शायद

नींद में/जागते हुए/ या रोटी को तड़फते झुग्गी झोंपड़ियों के बच्चों को निहारती आपकी आँखों… Continue

Posted on April 13, 2017 at 3:01pm — 10 Comments

 
 
 

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"चित्र पर आपके सभी छंद बहुत मोहक और चित्रानुरूप हैॅ। हार्दिक बधाई आदरणीय सुरेश कल्याण जी।"
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