For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मैथिली साहित्य

Information

मैथिली साहित्य

इस ग्रुप मे मैथिली साहित्य लिखा जा सकता है |

Location: All world
Members: 31
Latest Activity: Sep 20, 2016

Discussion Forum

प्रसाद बुझी हम पीबी रहल छी (बाबा के गीत ) 1 Reply

प्रसाद बुझी हम पीबी रहल छी ई जीवन दुःख बाबा यौ नाम अहाँ के रटते -रटते ,करबै जीवन अंत यौ.......प्रसाद बुझी हम पीबी रहल छी ई जीवन दुःख बाबा यौआहाँ केर नगरी सुन्दर नगरी ,कोना कय पेबई दरसन यौ कोना -कोना…Continue

Started by kanta roy. Last reply by जगदानन्द झा 'मनु' Sep 20, 2016.

जकरे देह में आगि लगैत छैक सैह ने जड़ैत अछि (लघुकथा)

एक दिन दू आदमी के झगड़ा होइत रहैक , जकर गलती रहइ से ओहि ठाम उपस्थित लोक के बेर - बेर दोसर के इंगित कs कहय जे एकर बात पर हमरा देह में आगि लागि जाइत अछि । ओहि लोकक बीच में एकटा पंडीजी सेहो रहथि , ओ…Continue

Started by SANJAY KUMAR JHA Aug 23, 2015.

अथ फिनायल कथा ! 1 Reply

दुःख हरो द्वारका नाथ शरण मैं तेरी ……. ! मोबाइलक घण्टी बाजल ! स्क्रीन पर चमकै छल “ कनियाँ के फोन ” ! इग्नोरक त प्रश्ने नहि !! धरफरा क फोन उठौलौं ----- हेलौ ! .... कहु ! सब ठिक कि ने ?---- की ठीक ! ...…Continue

Tags: मैथिली

Started by SANJAY KUMAR JHA. Last reply by SANJAY KUMAR JHA Aug 23, 2015.

बेटी आ बहिनक मनोरथ के बारे में सेहो सोचु (लघुकथा) 3 Replies

अपना विवाह में बहुत राश संगी साथी के बरियाती जयबाक लेल कहलियनि , एबो केलाह , मुदा एकटा मित्र कहलाह जे जायब त लेकिन दारू पिबे टा करब । हम कहलियनि जे आहा पिबे करब आ पिब क' ताण्डव करबे करब, त' कहलाह जे…Continue

Tags: साहित्य, मैथिली

Started by SANJAY KUMAR JHA. Last reply by kanta roy Aug 11, 2015.

चरिपतिया

               (१)चाहे आहाँ रहु दिल्ली आ मुम्बई,वा रहु देश-विदेशक कोनो कोण में,मैथिल भेटिते मैथिली बाजू टन द' मिठगर बोल में ।               (२)अमावश्या राति सन मुँह हुनक द्वितिया चान सन दाँत बाजब यदि…Continue

Started by SANJAY KUMAR JHA Aug 11, 2015.

सीता माता वन्दना

तर्ज़ : जय जय भैरवि अशुर भयाऊनिजय जय सीता मिथिला तारिणी जनक धिया सुखदाईसुन्दर सुमति दिय हे मातादुःख निवारू माईजय जय सीता मिथिला तारिणी ।अति कोमल राम ह्रिदय वासिनी हनुमत के आहाँ माईरावण राक्षस मारक…Continue

Started by SANJAY KUMAR JHA Aug 10, 2015.

गीत 9 Replies

ई जे साँझ परलै मैया की हमरे जीवनमे मुनल आँखि तकबै कहिया हमरो जीवनमे।।सगर दुनियाँकेँ चिलका माएक आँचर तर हम अभागल कोना भटकै छी दर-दर।।घुरि, बुझि आबो आबू मनु अबुद्धि नेना अपन सिनेहसँ किएक बिसरलहुँ…Continue

Tags: मनु, गीत

Started by जगदानन्द झा 'मनु'. Last reply by kanta roy Aug 10, 2015.

सम्हरि जाऊ बाबू मिथिलानी जागि गेल ( लघुकथा ) 9 Replies

" यौ गाम बाबू ,सुनलियै , कि कहैत छथिन पिसी दाई । "" कि कहैत छथुन मंजूला बौआ , तोहर पिसी दाई ? "" कहै छथिन जे कतबो पढेबै बेटी के , पाई तय गनहे पडतहू । पढल लिखल बेटी देबई, हुनकर बेटा समकक्ष , तय पाई…Continue

Started by kanta roy. Last reply by kanta roy Aug 10, 2015.

की आहो रामा..... 3 Replies

की आहो रामा.....कल जोरी करै छि हे मैया..विनती हमरो सुनियौ ..की आहो रामा...मिथिला के दियौ एअहन सपूत हे जननी..२ मोन में ने छल होई ओकरा..वाणी में बल होई जकरा...की आहो रामा.....भाई के सिनेह स मोन होई…Continue

Started by pankaj jha. Last reply by kanta roy Jul 7, 2015.

रुबाइ 2 Replies

 अपन बाँहि में अहाँ के गछारि लेब हमनजरि सँ करेज में उतारि लेब हमएक बेर हँ तँ कहि कए देखिऔसगरो बाट पर आँचर पसारि देब हम Continue

Tags: अनचिन्हार

Started by ASHISH ANCHINHAR. Last reply by kanta roy Jul 7, 2015.

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"विगत दो माह से डबलिन में हूं जहां समय साढ़े चार घंटा पीछे है। अन्यत्र व्यस्तताओं के कारण अभी अभी…"
15 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"प्रयास  अच्छा रहा, और बेहतर हो सकता था, ऐसा आदरणीय श्री तिलक  राज कपूर साहब  बता ही…"
16 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"अच्छा  प्रयास रहा आप का किन्तु कपूर साहब के विस्तृत इस्लाह के बाद  कुछ  कहने योग्य…"
16 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"सराहनीय प्रयास रहा आपका, मुझे ग़ज़ल अच्छी लगी, स्वाभाविक है, कपूर साहब की इस्लाह के बाद  और…"
16 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आपका धन्यवाद,  आदरणीय भाई लक्ष्मण धानी मुसाफिर साहब  !"
16 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"साधुवाद,  आपको सु श्री रिचा यादव जी !"
16 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"धन्यवाद,  आज़ाद तमाम भाई ग़ज़ल को समय देने हेतु !"
16 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय तिलक राज कपूर साहब,  आपका तह- ए- दिल आभारी हूँ कि आपने अपना अमूल्य समय देकर मेरी ग़ज़ल…"
16 hours ago
surender insan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"जी आदरणीय गजेंद्र जी बहुत बहुत शुक्रिया जी।"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
16 hours ago
surender insan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीया ऋचा जी ग़ज़ल पर आने और हौसला अफ़जाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया जी।"
16 hours ago
Chetan Prakash commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय गिरिराज भंडारी जी । "छिपी है ज़िन्दगी मैं मौत हरदम वो छू लेगी अगर (…"
16 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service