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खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

ओपन बुक्स ऑनलाइन के सभी सदस्यों को प्रणाम, बहुत दिनों से मेरे मन मे एक विचार आ रहा था कि एक ऐसा फोरम भी होना चाहिये जिसमे हम लोग अपने सदस्यों की ख़ुशी और गम को नजदीक से महसूस कर सके, इसी बात को ध्यान मे रखकर यह फोरम प्रारंभ किया जा रहा है, जिसमे सदस्य गण एक दूसरे के सुख और दुःख की बातो को यहाँ लिख सकते है और एक दूसरे के सुख दुःख मे शामिल हो सकते है |

धन्यवाद सहित
आप सब का अपना
ADMIN
OBO

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जनाब लक्ष्मण रामानुज लड़ीवाला जी आदाब,आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।

मुहतरम जनाब समर कबीर साहिब आदाब, इस एजाज़ के लिए बहुत बहुत मुबारकबाद पेश करता हूँ ।

जनाब तस्दीक़ अहमद साहिब आदाब,आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।

इस सम्मान के लिए दिली मुबारकबाद मुहतरम जनाब समर कबीर साहब | 

जनाब विनय कुमार जी आदाब,आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।

आदरणीय समर कबीर साहिब, आदाब ... आपको इस उपलब्धि पर इस बन्दे की तरफ से ढेरों बधाईयां। ख़ुदा आपकी हर मुराद पूरी करे।

जनाब सुशील सरना जी आदाब,आमीन! आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।

आदरणीय समर कबीर साहब को उनकी इस उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ. समाचार पत्र से नई बात का पता चला. आप "तंत्र-मंत्र" के भी ज्ञाता हैं और इस क्षेत्र में लम्बा अनुभव है आपको. ग़ज़ल व अन्य साहित्यिक विधाओं से परे इस विशेष क्षेत्र के बारे में भी कुछ लिखिए मेरे जैसे कौतूहली ओबीओ सदस्यों के लिए.प्रतीक्षा रहेगी.

सादर

जनाब मुखर्जी साहिब आदाब,आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ,आपके आदेश का पालन ज़रूर करूँगा समय मिलते ही ।

Sir iske liye to hm bhi intzaar krenge.... sadar

जी,समय मिलते ही आदेश का पालन करने का प्रयास रहेगा ।

आदरणीय समर साहब, आदाब, इस उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाईयाँ! 

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"आदरणीय दण्डपाणी जी, हौसला अफज़ाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया. सादर."
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