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खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

ओपन बुक्स ऑनलाइन के सभी सदस्यों को प्रणाम, बहुत दिनों से मेरे मन मे एक विचार आ रहा था कि एक ऐसा फोरम भी होना चाहिये जिसमे हम लोग अपने सदस्यों की ख़ुशी और गम को नजदीक से महसूस कर सके, इसी बात को ध्यान मे रखकर यह फोरम प्रारंभ किया जा रहा है, जिसमे सदस्य गण एक दूसरे के सुख और दुःख की बातो को यहाँ लिख सकते है और एक दूसरे के सुख दुःख मे शामिल हो सकते है |

धन्यवाद सहित
आप सब का अपना
ADMIN
OBO

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गुरू पूर्णिमा के पवित्र अवसर पर ओबीओ मंच संचालन समिति, सभी वरिष्ठ गुरूजन का सादर हार्दिक अभिनंदन, आदाब।
ओबीओ को परिवार के लिए यह बड़ी प्रसन्नता का विषय है कि आपके इस अदने से रचनाकार ने दुनिया की सबसे छोटी ग़ज़ल लिख डाली है । यह ग़ज़ल चार मात्राओं वाली ग़ज़ल है । इसकी बह्र फेलुन है । इसे Golden Book Of World Records 2017 में शामिल किया गया है । यह Record मेरे शायर उस्ताद आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब और OBPO परिवार को समर्पित है ।
*जीवन
उलझन ।

* सूने
आँगन ।

* घर-घर
अनबन ।

* उजड़े
गुलशन ।

* खोया
बचपन ।

*भटका
यौवन ।

* झूठे
अनशन ।

* ख़ाली
बरतन ।

* सहमी
धड़कन ।
मौलिक और अप्रकाशित ।
Attachments:
जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब आदाब,ये सब आपकी सीखने की लगन का परिणाम है,और दुनिया जानती है ओबीओ सीखने सिखाने का मंच है, यक़ीनन ये ओबीओ के लिए भी हर्ष और गौरव की बात है,दिल से ढेरों मुबारकबाद पेश करता हूँ ।
बहुत-बहुत शुक्रगुज़ार हूँ आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब । यह सब आपकी मुझ पर नज़रे इनायत का नतीजा है ।
आद0 मोहम्मद आरिफ भाई जी सादर अभिवादन, इस नायाब उपलब्धि पर मेरी कोटि कोटि शुभकामनाएं आपको, आप यूँही अनेकानेक उपलब्धियोकी ओर बढ़ते रहे, यहीं कामना है मेरी। सादर
बहुत-बहुत आभार आदरणीय सुरेंद्रनाथ जी ।

इस सुखद समाचार से जो प्रसन्नता मिली है, वह बयान करना आसान नहीं है।

आपको बहुत-बहुत बधाई, भाई मोहम्मद आरिफ़ जी।

सादर,

विजय निकोर

आपकी उत्साहजनक टिप्पणी का बहुत-बहुत आभार आदरणीय विजय निकोर जी ।

ओबीओ परिवार के लिए बड़े गौरव की बात है आपको ढेरो बधाइयां शुभकामनाएँ आद० मोहम्मद आरिफ जी .

आपका बहुत-बहुत आभार आदरणीया राजेश कुमारी जी । यह सम्मान OBO परिवार तथा मेरे शायर उस्ताद आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब दोनों को समर्पित है ।

मेरी तरफ से बहुत बहुत बधाई स्वीकार करें आ० मोहम्मद आरिफ साहिब. इस एजाज़ से ओबीओ परिवार का कद और बुलंद हुआ है जिस हेतु आपके उस्ताद शरीफ मोहतरम जनाब समर कबीर साहिब को भी बहुत बहुत मुबारकबाद.  

यह सब आपकी दुआओं, शायर उस्ताद आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब और OBO परिवार का कमाल है आदरणीय योगराज प्रभाकर जी । बहुत-बहुत शुक्रिया , हार्दिक आभार ।

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