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खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

ओपन बुक्स ऑनलाइन के सभी सदस्यों को प्रणाम, बहुत दिनों से मेरे मन मे एक विचार आ रहा था कि एक ऐसा फोरम भी होना चाहिये जिसमे हम लोग अपने सदस्यों की ख़ुशी और गम को नजदीक से महसूस कर सके, इसी बात को ध्यान मे रखकर यह फोरम प्रारंभ किया जा रहा है, जिसमे सदस्य गण एक दूसरे के सुख और दुःख की बातो को यहाँ लिख सकते है और एक दूसरे के सुख दुःख मे शामिल हो सकते है |

धन्यवाद सहित
आप सब का अपना
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आदरणीय Satyanarayan Singh     जी अपनी स्नेहाशीष का हार्दिक आभार। 

इस सुखद समाचार से बहुत खुश हूँ। हार्दिक बधाई, सुशील जी।

आदरणीय  vijay nikore    जी अपनी स्नेहाशीष का हार्दिक आभार। 

'व्यथित मन' सुंदर रचना है आदरणीय सुशील सरना जी राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित होने पर आपको बहुत-बहुत बधाई. सादर.

आदरणीय   Ashok Kumar Raktale   जी अपनी स्नेहाशीष का हार्दिक आभार। 

दुखद समाचार, ईश्वर से यही प्रार्थना है कि परिवार को यह दुख सहने की शक्ति दें और श्री कलीमउल्ला साहब की दिवंगत आत्मा को असीम शान्ति दें..
आदरणीय भाई योगराज प्रभाकर जी की वर्षों से की जा रही निष्काम और अनथक सेवा के लिए उन्हें सम्मानित किया जाने का विचार निस्संदेह सराहनीय है और सभी माननीय सदस्य इसके लिए दिल से समर्थन करते है... सादर.
आदरणीय मित्रों आदाब,इस दुखद घटना पर आप सभी ने मुझे और मेरे परिवार को अपने शब्दों से जो हौसला दिया उसे हम सदा याद रखेंगे,और आशा करते हैं कि आपका प्रेम यूँ ही बना रहे,मैं दिल की गहराइयों से आपके प्रेम और हमदर्दी का सम्मान करता हूँ ।
जनाब सुशील सरना जी आदाब, मेरी तरफ़ से भी बधाई स्वीकार करें ।

आदरणीय    Samar kabeer  जी अपनी स्नेहाशीष का हार्दिक आभार। 

जनाब सुशील सरना जी सादर अभिवादन, आपको मेरी हार्दिक बधाई। आप यूँही निरंतर आगे बढ़ते रहें।

आदरणीय    सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप जी अपनी स्नेहाशीष का हार्दिक आभार। 

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