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rajesh kumari
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ओबीओ साहित्योत्सव देहरादून 9 सितम्बर 2017
60 Replies

ओबीओ परिवार के सभी सदस्यों को प्रणाम  इस बार ओबीओ साहित्योत्सव देहरादून मे 9 सितम्बर 2017…Continue

Started this discussion. Last reply by Sheikh Shahzad Usmani Sep 9, 2017.

एक ज़रूरी सूचना
1 Reply

हमारे ओबीओ से जुड़े एक मित्र श्री अलबेला खत्री जी बहुत गंभीर अवस्था में सूरत के अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं जिस किसी से कोई भी सहायता बने कर सकते हैं भगवान् से प्रार्थना है वो जल्दी…Continue

Started this discussion. Last reply by Saurabh Pandey Apr 5, 2014.

ओबीओ की तृतीय वर्षगाँठ पर आयोजित विचार गोष्ठी सह कवि सम्मलेन एवं मुशायरा का संस्मरण मेरी कलम से…राजेश कुमारी
20 Replies

१४ जून २०१३ की शाम   ओबीओ की त्रतीय वर्षगाँठ पर काव्य गोष्ठी /कवी सम्मलेन /मुशायरा के आयोजन…Continue

Started this discussion. Last reply by rajesh kumari Jul 1, 2013.

सभी मित्रों को गणतंत्र दिवस की शुभ कामनाएं ,एक खुशखबरी के संग
15 Replies

मुझे गर्व है कि मेरे दामाद (थल सेना कर्नल) को गणतंत्र दिवस के अवसर पर सेना मैडल से सम्मानित किया गया है|…Continue

Started this discussion. Last reply by rajesh kumari Feb 22, 2013.

 

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rajesh kumari replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"नीलेश भैया शानदार ग़ज़ल कही है बहुत बहुत मुबारकबाद कुबूल करें।"
Mar 24, 2023

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rajesh kumari replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"आद.लक्ष्मण भैया बहुत अच्छी ग़ज़ल कही है बाकी समर भाई जी ने इंगित कर ही दिया।सभी शेर बढ़िया कहे।"
Mar 24, 2023

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rajesh kumari replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"आदरणीय अनिल जी बहुत अच्छी ग़ज़ल कही है मुबारकबाद आपको।"
Mar 24, 2023

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rajesh kumari replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"आद.अजय जीआपका तहे दिल से शुक्रियः।"
Mar 24, 2023

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rajesh kumari replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"आदरणीय समर भाई जीआपका तहे दिल से शुक्रियः।"
Mar 24, 2023

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rajesh kumari replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"अजय जीआपका तहे दिल से शुक्रियः।"
Mar 24, 2023

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rajesh kumari replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"अमित जी आपका तहे दिल से शुक्रियः।"
Mar 24, 2023

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rajesh kumari replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"सोच मत सच को छुपाना बड़ा आसाँ होगाझूट आँखों से तेरी ख़ुद ही नुमायाँ होगा दोस्ती में चली आई थी मुझे क्या मालूममेरा दुश्मन ही तेरी बज़्म में महमाँ होगा एक गमले की हिफाज़त भी नहीं कर पाएआपके शहर में क्या खाक़ गुलिस्ताँ होगा अपने हाथों में नमक लाने की…"
Mar 24, 2023

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rajesh kumari replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-133
"बहुत बहुत शुक्रियः रचना जी।"
Jul 29, 2021

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rajesh kumari replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-133
"बहुत बहुत शुक्रियः लक्ष्मण भैया।"
Jul 29, 2021

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rajesh kumari replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-133
"बहुत बहुत शुक्रियः रोज़ीना जी।"
Jul 29, 2021

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"बहुत बहुत शुक्रियः दण्डपाणि जी।"
Jul 29, 2021

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"बहुत बहुत शुक्रियः रिचा जी।"
Jul 29, 2021

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"बहुत बहुत शुक्रियः दीपांजलि जी।"
Jul 29, 2021

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"बहुत बहुत शुक्रियः मोहतरम अमीरुद्दीन साहब।"
Jul 29, 2021

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rajesh kumari replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-133
"बहुत बहुत शुक्रियः भाई जी काफी नई बातों का पता चला आपकी इस्लाह के अनुसार संशोधित करूँगी।"
Jul 29, 2021

Profile Information

Gender
Female
City State
dehradun (uttrakhand)
Native Place
muzaffarnagar
Profession
housewife
About me
ek insaan hoon jo jio aur jeene do me vishvaas rakhti hai.ateet se kuch seekht ihoobhav ishya ko sudharti hoon vartman ke saath bah rahi hoon dekho jaane kahan tak.n hoon

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तरही ग़ज़ल ' बड़े दिल का'

बड़े दिल का तो वो कद में बड़ा होने से पहले था

जमीं से राब्ता उसका ख़ुदा होने से पहले था

करें मत फ़िक्र अब मेरी सभी एहबाब घर जाएँ

मुझे एहसास-ए-तन्हाई नशा होने से पहले था

हुनर आया तपिश सहकर हजारों चोट खाकर ही

फ़कत माटी का लोंदा वो घड़ा होने से पहले था

बुरी सुहबत ने ही उसको मियाँ ऎसा बनाया है़

वगरना नेक बच्चा वो बुरा होने से पहले था

मुखौटे में निहाँ कितना घिनौना रूप था उसका

मसीहा वेश में ढोंगी सज़ा होने से पहले…

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Posted on October 1, 2019 at 12:00pm — 7 Comments

तू शिक्षक है़ या रक्षक है़

आदरणीय योगराज जी , आदरणीय सौरभ जी , आदरणीय समर भाई जी , तथा जिस मित्र ने भी कभी भी मेरा मार्ग दर्शन किया सभी को  समर्पित  ,करती हूँ ये रचना .

जीवन निर्माता भाग्य विधाता सब दुःख हरता ईश्वर है़

तृण तृण परिभाषित राह प्रदर्शित पग- पग करता गुरुवर है़



गिर जाने पर हाथ बढ़ाना

हर मुश्किल में पार लगाना



गहन तमस में घिर जाने पर

भटकों को यूँ राह दिखाना



तेरी अनुकंपा के आगे

कष्टों की धुंध का छट जाना



पतझड़ के मारे तरुओं पर

हरित हरित…

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Posted on September 5, 2019 at 4:30pm — 6 Comments

दरवाज़े पर आँधी आके ठहर गई (नवगीत )

 

तिनका तिनका जोड़ बनाया एक घरौंदा 

दरवाजे पर आँधी आके ठहर गई

 

बर्बादी की धीमे-धीमे

आहट पाकर 

स्वप्नकपोतों की

आँखों में भय के साये 

सहमे सहमे भीरु 

कातर बुनकर देखो 

कोने में जा बैठे 

दुबके सकुचाये 

 …

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Posted on April 3, 2019 at 12:00pm — 7 Comments

एक रदीफ़ पर दो ग़ज़लें "छत पर " (गज़ल राज )

१.हास्य 

उठाई है़ किसने ये दीवार छत पर 

अब आएगा कैसे  मेरा यार छत पर 



अगर उसके वालिद  का ये काम होगा 

बिछा दूँगा बिजली का मैं तार छत पर



बताकर तू पढ़ती  ख़बर नौकरी की  

चली आना लेकर तू अख़बार छत पर



सुखाने को पापड़ या चटनी मुरब्बा 

करा मुझको अपना तू दीदार छत पर



गया उसके घर पे जो छुपते छुपाते 

बहुत ही कुटा मैं पड़ी मार छत पर



न तारे दिखे फ़िर  हुआ चाँद ग़ायब 

सुनी हड्डियों की जो झंकार छत पर…

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Posted on January 22, 2019 at 11:45am — 13 Comments

Comment Wall (38 comments)

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At 5:08pm on November 22, 2015, Sushil Sarna said…

आदरणीया राजेश कुमारी जी दोहा प्रस्तुति पर आपकी स्नेहिल प्रशंसा का तहे दिल से शुक्रिया। 

At 10:51pm on July 28, 2015, Prashant Priyadarshi said…

धन्यवाद आ. राजेश मैम, आपने अपना बहुमूल्य समय दिया, उत्साहवर्धन के शब्द कहे, मेरी सोच-मेरे नजरिये की तारीफ़ की आपने, आपको पसंद आई मेरी कहानी, इसके लिए ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूँ. आप सबों के प्रेरक वाक्य ही मेरी कलम को और धारदार और स्थापित करने में सहायक होंगे. धन्यवाद!!

At 9:26pm on December 15, 2014, डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव said…

आदरणीया

           बिंदु नं 0 2 को ही समझना था  i 'कहते है गोपाल' का  उल्लेख कर आपने मेरे भ्रम का सटीक निवारण किया i आपका स्नेह यूँ ही बना रहे i सादर i

At 5:37pm on December 15, 2014, डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव said…

महनीया

आपसे सदा सीखता रहता हूँ i इसी जिज्ञासा में आपकी  निम्न टिप्पणी पर भी अपनी शंका का निवारण चाहूँगा i

 शैलि ,वैलि में गच्चा खा गए आदरणीय :))) और पकडे भी गए ......       स्वीकार है आदरणीया

अंग्रेजो ने किया     वात-आवरण  कसैला----रोले में विषम             इसे कुछ और स्पष्ट करें महनीया

चरण का गुरु लघु से होना है आपका किया =लघु गुरु 

कुण्डलिया का आरम्भ का शब्द और अंत का शब्द भी एक ही होना    मेरे संज्ञान में अब यह बाध्यता अब

चाहिए                                                                                     समाप्त हो गयी है

                  स म्म्मान आदरणीया i

At 4:43pm on October 23, 2014, Sushil Sarna said…

आपको  सपरिवार ज्योति पर्व की हार्दिक एवं मंगलमय शुभकामनाएं...

At 8:39pm on June 15, 2014, mrs manjari pandey said…
आदरणीया उत्साहवर्धक है आपकी टिप्पणी। मिल कर राह हमें ही है बनानी
At 12:22am on June 10, 2014, जितेन्द्र पस्टारिया said…

जन्मदिन की आपको ढेरों शुभकामनायें  आदरणीया राजेश दीदी

At 10:50am on March 3, 2014, vijay nikore said…

 हे माँ श्वेता शारदे ,  सरस्वती वन्दना (उल्लाला छंद पर आधारित )

इस रचना के feature होने के लिए हार्दिक बधाई, आदरणीया राजेश जी।

 

सादर,

विजय निकोर

At 8:35pm on September 5, 2013, mrs manjari pandey said…

         

       आदरणीया राजेश कुमारी जी साधुवाद गज़ल पर दाद के लिये .

At 11:19am on July 27, 2013, CHANDRA SHEKHAR PANDEY said…

अनुरोध स्वीकार करके आपने मुझे उपकृत किया मैम, नमन

 
 
 

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