आदरणीय लघुकथा प्रेमिओ,
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बहुत ही संवेदनशील लघुकथा लिखी है आपने आदरणीय तेजवीर जी . पढ़ते ही हमारा मन आक्रोश में भर गया ऐसे निष्ठुर आतंकी ,कट्टर ,संवेदनहीन लोगों के प्रति जो हमारे समाज को मानवीय मूल्यों पर खोखला कर रहे है . ह्रदय से बधाई प्रेषित है आपको इस अनुपम लघुकथा के लिए . सर जी की मेहनत का प्रतिफल हमारे सामने है आपकी इस रचना के रूप में .
आदरणीय तेज वीर सिंह जी कथा का प्रमुख पात्र फौजी क्यों? कथा हेतु बधाई आदरणीय।
हार्दिक आभार आदरणीय पवन जैन जी! फौजी पात्र इसलिये चुना गया क्योंकि इस तरह के उन्मादी लोग किसी को भी नहीं छोड़ते!इतने ज्यादा बेखौफ़ होते हैं!
हार्दिक आभार आदरणीय कांता रॉय जी!
हार्दिक आभार आदरणीय राजेंदर जी!
हार्दिक आभार आदरणीय समर कबीर साहब जी!
आदरणीय तेज वीर जी. सुन्दर कथा सादर.
हार्दिक आभार आदरणीय शुभ्रांशु जी!
आदरणीय तेजवीर सिंह जी इस सशक्त लघु कथा के लिए हार्दिक बधाई . अंतिम पंच पंक्ति भी गजब.
हार्दिक आभार आदरणीय नयना जी!
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