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"OBO लाइव महा उत्सव" अंक १८(Now closed with 1542 replies)

आदरणीय साहित्य प्रेमियों

सादर वन्दे,

"ओबीओ लाईव महा उत्सव" के १८ वे अंक में आपका हार्दिक स्वागत है. पिछले १७  कामयाब आयोजनों में रचनाकारों ने १७  विभिन्न विषयों पर बड़े जोशो खरोश के साथ और बढ़ चढ़ कर कलम आजमाई की. जैसा कि आप सब को ज्ञात ही है कि दरअसल यह आयोजन रचनाकारों के लिए अपनी कलम की धार को और भी तेज़ करने का अवसर प्रदान करता है, इस आयोजन पर एक कोई विषय या शब्द देकर रचनाकारों को उस पर अपनी रचनायें प्रस्तुत करने के लिए कहा जाता है. इसी सिलसिले की अगली कड़ी में प्रस्तुत है:-

"OBO लाइव महा उत्सव" अंक  १८    

.
विषय - "सपने"

  आयोजन की अवधि- ७ अप्रैल २०१२ शनिवार से ९ अप्रैल  २०१२ सोमवार तक  

तो आइए मित्रो, उठायें अपनी कलम और दे डालें अपने अपने सपनो को हकीकत का रूप. बात बेशक छोटी हो लेकिन घाव गंभीर करने वाली हो तो बात का लुत्फ़ दोबाला हो जाए. महा उत्सव के लिए दिए विषय को केन्द्रित करते हुए आप सभी अपनी अप्रकाशित रचना साहित्य की किसी भी विधा में स्वयं द्वारा लाइव पोस्ट कर सकते है साथ ही अन्य साथियों की रचनाओं पर लाइव टिप्पणी भी कर सकते है |

उदाहरण स्वरुप साहित्य की कुछ विधाओं का नाम निम्न है: -

  1. तुकांत कविता
  2. अतुकांत आधुनिक कविता
  3. हास्य कविता
  4. गीत-नवगीत
  5. ग़ज़ल
  6. हाइकु
  7. व्यंग्य काव्य
  8. मुक्तक
  9. छंद  (दोहा, चौपाई, कुंडलिया, कवित्त, सवैया, हरिगीतिका इत्यादि) 

अति आवश्यक सूचना :- "OBO लाइव महा उत्सव" अंक- 18  में सदस्यगण  आयोजन अवधि में अधिकतम तीन स्तरीय प्रविष्टियाँ  ही प्रस्तुत कर सकेंगे | नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा गैर स्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटा दिया जाएगा, यह अधिकार प्रबंधन सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी |


(फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो शनिवार ७ अप्रैल लगते ही खोल दिया जायेगा ) 

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"महा उत्सव"  के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...

"OBO लाइव महा उत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

मंच संचालक

धर्मेन्द्र शर्मा (धरम)

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Replies to This Discussion

नैनो की भाषा नैनो से 
बस नैना ही समझेंगे 
सपनों में अनुवादित हो 
फिर नैनो से ही बरसेंगे
bahut sundar

bahut madhur geet seema ji ...vaah

मनमोहक गीत के लिए बधाई सीमा जी

//तुम सपनों की चादर बुनना मै चादर रंग जाऊँगी//

वाह ! वाह !

इसी को कहते हैं सपनी का साकार होना !फिर तो जीवन बहुत खूबसूरत हो जाएगा ! कुछ इतना खूबसूरत -

//चन्दन वन की मलय गंध हो 
शीतलता हो हिमकर सी 
शांत विजन सी स्वप्न घाटि में 
गुंजित हो बस मृदु बंसी 
छंद बनो तुम प्रेम प्रीत के मै स्वरलिपि बन जाऊँगी//
.
प्रेम को ऊचाई देते सपने देखने और दिखाने के लिए आप निश्चित ही बधाई की पात्र  हैं  ! स्वीकारें !
नैनो की भाषा नैनो से 
बस नैना ही समझेंगे 
सपनों में अनुवादित हो 
फिर नैनो से ही बरसेंगे  
.
वाह वाह वाह आद. सीमा अग्रवाल जी, सुन्दर गीत के लिए बधाई स्वीकार करें.


बहुत भावपूर्ण गीत है आदरणीया सीमा जी....हार्दिक बधाई

बहुत सुन्दर ........ मर्म को छूनेवाली  सारगर्भित रचना के लिए बधाई स्वीकार करें सीमा जी

छंद बनो तुम प्रेम प्रीत के मै स्वरलिपि बन जाऊँगी
पढ़ लूँगी तेरे मन की फिर मै भी कुछ लिख जाऊँगी
बहुत खूब।
चन्दन वन की मलय गंध हो 
शीतलता हो हिमकर सी 
शांत विजन सी स्वप्न घाटि में 
गुंजित हो बस मृदु बंसी....
आहाहा... आदरणीय सीमा जी कितना सुन्दर गीत, क्या भाव और प्रवाह... आनंद आ गया...
सादर बधाई स्वीकारें.

आदरणीया सीमा मैम  . बहुत ही सुन्दर कृति, हार्दिक  बधाई स्वीकार करें.

छंद बनो तुम प्रेम प्रीत के मै स्वरलिपि बन जाऊँगी 

पढ़ लूँगी तेरे मन की फिर मै भी कुछ लिख जाऊँगी . सुन्दर ......!

खुबसूरत गीत सीमा जी, आपकी पकड़ गीत विधा पर जबरदस्त है, भाव और प्रवाह मुग्धकारी है, बधाई आपको |

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