आदरणीय काव्य-रसिको !
सादर अभिवादन !!
’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ तीसवाँ आयोजन है.
इस बार का छंद है - कुण्डलिया छंद
आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ -
19 फरवरी 2021 दिन शनिवार से
20 फरवरी 2021 दिन रविवार तक
हम आयोजन के अंतर्गत शास्त्रीय छन्दों के शुद्ध रूप तथा इनपर आधारित गीत तथा नवगीत जैसे प्रयोगों को भी मान दे रहे हैं. छन्दों को आधार बनाते हुए प्रदत्त चित्र पर आधारित छन्द-रचना तो करनी ही है, दिये गये चित्र को आधार बनाते हुए छंद आधारित नवगीत या गीत या अन्य गेय (मात्रिक) रचनायें भी प्रस्तुत की जा सकती हैं.
केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जाएँगीं.
चित्र अंर्तजाल के माध्यम से
कुण्डलिया छंद के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक ...
जैसा कि विदित है, कई-एक छंद के विधानों की मूलभूत जानकारियाँ इसी पटल के भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती है.
********************************************************
आयोजन सम्बन्धी नोट :
फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 19फरवरी 2021 दिन शनिवार से 20 फरवरी 2021 दिन रविवार तक, यानी दो दिनों के लिए, रचना-प्रस्तुति तथा टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.
अति आवश्यक सूचना :
छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ
"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...
विशेष : यदि आप अभी तक www.openbooksonline.com परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.
मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम
Tags:
Replies are closed for this discussion.
आदरणीय दयाराम जी
प्रथम प्रयास सराहनीय है हार्दिक बधाई| कुण्डलिया छंद विधान के पूर्णतः पालन से गेयता और अच्छी हो जाएगी |
आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार।
आदरणीय दयाराम मेठानी साहब सादर, सुन्दर प्रयास हुआ है आपका कुण्डलिया छंद पर. हार्दिक बधाई स्वीकारें. फिर भी छंद में गेयता का अभाव बना हुआ है.
भूखा प्यासा /है खडा/ रोला की पंक्ति के अंत में रगण मान्य नहीं है.
अन्य जानकारी छंद समूह में दी ही गई है. सादर
आदरणीय अशोक कुमार रक्ताले जी, प्रोत्साहन देने एवे सुझाव के लिए हार्दिक आभार। भविष्य में भी मार्ग दर्शन करते रहे । सादर।
आदरणीय दयाराम मेठाणी जी आदाब, कुण्डलिया छंद पर अच्छा प्रयास है बधाई स्वीकार करें। सादर।
आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' जी, प्रोत्साहन देने के लिए हार्दिक आभार।
आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। चित्रानुसार छन्दों का अच्छा प्रयास हुआ है । हार्दिक बधाई।
प्रदत्त चित्र के भावों को समेटे सुन्दर छंद रचना ,हार्दिक बधाई आदरणीय
जनता पंक्ति बद्ध है, होने तक मतदान !
रही छाँव या धूप भी, कर्तव्य बँधी महान !!
कर्तव्य बँधी महान, आज है उसकी बारी !
पाँच वर्ष उपरांत, खत्म सरकारी पारी !!
कह 'चेतन' कविराय, करे जो सम्यक लगता !
किया करती चुनाव, अभी तो सारी जनता !!
शासन जनता का सही, प्रजातंत्र जहाज !
सदा समर्पित लोक को, सफल रहा है काज !!
सफल रहा है काज, हेतु भी अब तो जनता !
अच्छा यह संकल्प, चाहिए थोड़ी ममता !!
कह 'चेतन' कविराय, मिले मानव को आसन !
आदर्श अहा राज, सखा है सम्यक शासन!!
मतदाता की जय हुई, आखिर सखा चुनाव !
चहुँओर धमाचौकड़ी, जनहित हुआ लगाव !!
जनहित हुआ लगाव, जयति जय हो अब जनता !
चहुँदिशि पश्चिम पूर्व, रही हो जय - जय समता !!
कह 'चेतन' कविराय, प्रजा शासन की दाता !
लोकतंत्र हुलास, टिका भारत मतदाता !!
आथी आबादी बनी, यहाँ आज सुल्तान !
दल कोई हो भारती, सुनता उसकी तान !!
सुनता उसकी तान, देय है पूरा हिस्सा !
सदी इक्कीस जगत, छिड़ा है उसका किस्सा !!
कह 'चेतन' कविराय, उसे सारी आजादी !
महिलायें तो आज, रहीं आधी आबादी !!
आया राम उसे कहो, बोल या गया राम !
दलबदलू बीमार है, दें उसको आराम !!
दे उसको आराम, दौड़ते जीवन बीता !
करता भ्रष्टाचार, नहीं भावुक मन रीता !!
कह 'चेतन' कविराय, हृदय जागरण न भाया !
चाहिए जगति धैर्य, समझ यह चुनाव आया !!
नेता हो या आढ़ती, बतला दो तुम आज !
काम किया क्या आपने, खोलो तो अब राज !!
खोलो तो अब राज, कृपा हो यह मतदाता !
चुक गया अब धैर्य, प्रजा है भारत दाता !
कह 'चेतन' कविराय, भारती सारे लेता !
बहरूपिये हैं यार, मित्र हैं बाकी नेता !!
मौलिक व अप्रकाशित
आ. भाई चेतन जी सादर , अभिवादन। प्रदत्त चित्र को सार्थक करती बेहतरीन कुंडलियाँ हुई हैं। हार्दिक बधाई।
च़ित्रानुकूल सुंदर कुण्डलिया छंद के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय चेतन प्रकाश जी। आपकी इस रचना से कुछ सीखने का प्रयास करुंगा।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |