For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सही - गलत -- डॉo विजय शंकर

हम इसके गलत की बात करते हैं
उसके गलत की बात नहीं करते हैं ,
हम इसके उसके की बात करते हैं
सही गलत की बात नहीं करते हैं।

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 558

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Vijai Shanker on May 12, 2017 at 11:31pm
आदरणीय नरेंद्र सिंह चौहान जी , आपकी उपस्थिति एवं बधाई हेतु आभार एवं धन्यवाद, उत्तर के लिए विलम्ब हेतु क्षमा करें ,सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on May 12, 2017 at 11:29pm
आदरणीय गिरिराज भंडारी जी ,आपकी प्रेरक उपस्थिति एवं बधाई हेतु आभार एवं धन्यवाद, उत्तर के लिए विलम्ब हेतु क्षमा करें ,सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on May 12, 2017 at 11:29pm
आदरणीय डॉo आशुतोष मिश्रा जी , आपकी उपस्थिति एवं बधाई हेतु आभार एवं धन्यवाद, उत्तर के लिए विलम्ब हेतु क्षमा करें ,सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on May 12, 2017 at 9:02am
आदरणीय समर कबीर साहब , नमस्कार ,बहुत बहुत शुक्रिया , आजकल कोस्टा रीका में हूँ , नेट की समस्या रहती है , विलम्ब के लिए क्षमा करेगें। सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on May 12, 2017 at 9:01am
आदरणीय मोहम्मद आरिफ जी , बहुत बहुत धन्यवाद , आभार , सादर।
Comment by narendrasinh chauhan on May 10, 2017 at 6:10pm

बहोत खूब 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 9, 2017 at 9:24pm

आदरनीय  विजय भाई , खूब सूरत रचना के लिये हार्दिक बधाई ।

Comment by Dr Ashutosh Mishra on May 9, 2017 at 6:53pm
आदरणीय विजय सर वाकई इतने कम शब्दों में आपने बेहद ख़ास बात की है इस रचना के माध्यम से ढेर सारी बधाई स्वीकार करें सादर
Comment by Samar kabeer on May 9, 2017 at 6:39pm
आली जनाब डॉ.विजय शंकर जी आदाब,गागर में सागर समाने का मुहावरा सुना था,लेकिन देखा पहली बार है, वाह वाह, शब्दों के उलट फेर से क्या बात पैदा कर दी आपने,मुग्ध हो गया इस मुख़्तसर रचना को पढ़ कर,और जो पैग़ाम छुपा है इसमें उसका तो जवाब ही नहीं है,इस बहतरीन प्रस्तुति पर दिल से ढेरों बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Mohammed Arif on May 9, 2017 at 1:26pm
वाह! वाह!! बेहतरीन नन्ही किन्तु संदेशप्रद रचना । बधाई स्वीकार करें आदरणीय विजय शंकर जी ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service