For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अब शहादत को न जाया कीजिये ।
आइना उनको दिखाया कीजिये।।

मुल्क में है इन्तकामी हौसला ।
हौसलों को मत दबाया कीजिये ।।

आग उगलेगी सुख़नवर की कलम ।
अब न कोई सच छुपाया कीजिये ।।

ख़ाब जो देखें हमारे कत्ल की ।
हर सितम उनपे ही ढाया कीजिये ।।

उनके हमले से फ़जीहत हो गयी।
दिल यहाँ अपना जलाया कीजिये ।।

तफ़सरा कीजै नये हालात पर ।
आप अपना घर बचाया कीजिये ।।

ये ताल्लुक अब तलक जिंदा था क्यूँ ।
प्यार इतना मत दिखाया कीजिये ।।

खर्च क्यों हो देश के गद्दार पर ।
बोझ इतना मत उठाया कीजिये ।।

दर्द क्या है ये उन्हें भी हो पता ।
कुछ निशाना भी लगाया कीजिये ।।

क्यूँ यकीं करते रहे उन पर मियाँ ।
इस तरह धोखा न खाया कीजिये ।।

देखिए अंजाम अपनी फौज का ।
अब कबूतर मत उड़ाया कीजिये ।।

मौलिक अ प्रकाशित

डॉ नवीन मणि त्रिपाठी

Views: 468

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Naveen Mani Tripathi on March 4, 2019 at 1:46pm

आ0 बृजेश कुमार ब्रज साहब हार्दिक आभार ।

Comment by Naveen Mani Tripathi on March 4, 2019 at 1:45pm

आ0 कबीर सर  तहेदिल से  बहुत आभार । 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on March 4, 2019 at 11:45am

वाह खूब आदरणीय त्रिपाठी जी...

Comment by Samar kabeer on February 25, 2019 at 2:59pm

जनाब डॉ. नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।

'अब शहादत को न जाया कीजिये'

इस मिसरे में क़ाफ़िया ग़लत है,सहीह शब्द है "ज़ाए" ।

'ख़ाब जो देखें हमारे कत्ल की'

इस मिसरे में 'की' को "का" कर लें,"क़त्ल"पुल्लिंग है ।

'तफ़सरा कीजै नये हालात पर'

इस मिसरे में सहीह शब्द है "तब्सिरा"मिसरा यूँ कर लें:-

'तब्सिरा करके नये हालात पर' 

'ये ताल्लुक अब तलक जिंदा था क्यूँ'

इस मिसरे में 'ताल्लुक' को "तअल्लुक़" कर लें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय शिज्जु "शकूर" जी आदाब, हौसला अफ़ज़ाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिय:। तरही मुशाइरा…"
2 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"  आ. भाई  , Mahendra Kumar ji, यूँ तो  आपकी सराहनीय प्रस्तुति पर आ.अमित जी …"
1 hour ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"1. //आपके मिसरे में "तुम" शब्द की ग़ैर ज़रूरी पुनरावृत्ति है जबकि सुझाये मिसरे में…"
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जनाब महेन्द्र कुमार जी,  //'मोम-से अगर होते' और 'मोम गर जो होते तुम' दोनों…"
4 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय शिज्जु शकूर साहिब, माज़रत ख़्वाह हूँ, आप सहीह हैं।"
6 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"इस प्रयास की सराहना हेतु दिल से आभारी हूँ आदरणीय लक्ष्मण जी। बहुत शुक्रिया।"
13 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय दिनेश जी। आभारी हूँ।"
13 hours ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"212 1222 212 1222 रूह को मचलने में देर कितनी लगती है जिस्म से निकलने में देर कितनी लगती है पल में…"
13 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"सादर नमस्कार आ. ऋचा जी। उत्साहवर्धन हेतु दिल से आभारी हूँ। बहुत-बहुत शुक्रिया।"
13 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। इस प्रयास की सराहना हेतु आपका हृदय से आभारी हूँ।  1.…"
13 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी, सादर अभिवादन! आपकी विस्तृत टिप्पणी और सुझावों के लिए हृदय से आभारी हूँ। इस सन्दर्भ…"
13 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की इस्लाह क़ाबिले ग़ौर…"
14 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service