For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

शुतरमुर्ग(लघुकथा )

तीसरे माले पर वो करवट बदलते हैं तो खटिया चर्र-चर्र बोलती है |अंगोछा उठाकर पहले पसीना पोंछते है फिर उस से हवा करने लगते हैं |

“साsला पंखा भी ---“ बड़बड़ा कर बैठ जाते हैं और एक साँस में बोतल का शेष पानी गटक जाते हैं

“अब क्या ? अभी तो पूरी रात है |”

भिनभिनाते मच्छर को तड़ाक से मसल देते हैं |

दूसरे माले का टी.वी. सुनाई देता है – “तू मेरा मैं तेरी जाने सारा हिंदुस्तान |”

“बुढ़िया को क्या पड़ी थी पहले जाने की ---“

गला फिर सूखने लगा तो जोर–जोर से खाँसना शुरू कर दिया |

फिर टी.वी. –“हम तुम एक कमरे में बंद हों और चाभी खो जाए –“

वो उठकर एक बार बैठते हैं |घुटनों को सहलाते हैं |और फिर जोर से बोतल को नीचे की तरफ़ फैंक देते हैं |

“टूटा जो दिल किसी का ---“ शायद टी.वी. म्यूट हो जाता है |

“क्या हुआ ?” निचले माले के कमरे से बाहर निकल कर बेटा चिल्लाता है |

“कुछ नहीं |बोतल दीवार पर रख कर भूल गया था |बिल्ली ने गिरा दिया है |जरा पानी भर के देते जाओ |”

वो सहमे-सहमे से कमरे में आते हैं और आँखे  बंद कर लेट जाते हैं |

सोमेश कुमार(मौलिक एवं अमुद्रित )

Views: 693

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on March 23, 2018 at 6:37am

1- कथानक और कथ्य बेहतरीन है।

2- तीसरे माले/ तीन माले वाले भवन को लेना आवश्यक नहीं है। संयुक्त परिवार के सामान्य आंगन व मंज़िलें वाले मकान की बात भी कर सकते हैं पाठकों तक तर्क संगत बात पहुंचाने के लिए।  या रचना में स्पष्टता को बढ़ाया जा सकता है।

3- मोबाइल से हिंदी टाइपिंग के लिए प्ले स्टोर से " गूगल इंडी इनपुट" या  " गूगल कीबोर्ड" के सुविधाजनक एप डाउनलोड कर टाइपिंग सीखी जा सकती है। अब तो बोलने मात्र से मोबाइल पर टाइपिंग हो जाती है एप के जरिज़। सोशल मीडिया पर दोस्तों की मदद से मोबाइल पर टाइपिंग सीखी जा सकती है।

4- बढ़िया रचना को बेहतरीन रूप दिया जा सकता है। इसे दो तीन तरह की शैली में लिख कर देखिएगा। हार्दिक बधाई।

Comment by Mohammed Arif on March 22, 2018 at 8:43pm

आदरणीय सोमेश जी आदाब,

                          मैं ख़ुद भी स्मार्ट फोन का प्रयोग करता हूँ । ओबीओ के  मंच पर मेरी सारी प्रतिक्रियाएँ मेरे स्मार्ट फोन से दी हुई होती है । मेरे पास कोई कम्प्यूटर नहीं है । अपने स्मार्ट फोन पर लगातार अभ्यास करें , घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है ।

Comment by somesh kumar on March 22, 2018 at 7:19pm

bhai surender g

     ye sikhane sikhane ka mnch hai.likhte smy rchna pr mera apna nazriya hoga aur pdhte smy use aap apni drishti se dekhenge.ho skta hai aap dwara ingit kmiya aur gltiyaa mujhe bhi shi lgen.islie behichak apni baat rkhen.

Comment by somesh kumar on March 22, 2018 at 7:13pm

bhai g 

   hr wqt computer pr baithna muskil hota hai isli comment mobile se deta hun.mobile me hindi typing aasani se nhi hoti.koi tkniki viklp ho to btaae

Comment by Mohammed Arif on March 22, 2018 at 4:53pm

आदरणीय सोमेश जी आदाब,

                        अच्छी लघुकथा । हार्दिक बधाई स्वीकार करें । गुणीजनों की बातों का संज्ञान लें ।

नोट:- कृपया देवनागरी लिपि का प्रयोग करें ।

Comment by नाथ सोनांचली on March 22, 2018 at 3:30pm

आद0 सोमेश जी सादर अभिवादन।बढिया खाका खीचा आपने, आप लिखते भी बढिया हैं। इसके आगे कुछ लिखूँगा तो आप तर्क दें देंगे, इसलिए बस इतना ही। बहरहाल इस प्रस्तुति पर बधाई। सादर

Comment by somesh kumar on March 21, 2018 at 11:50pm
  1. rchna pr drishti dalne ke lie aabhar.ghr tin maale ka hai pr bujurg sbse upri maale pr hai aur dusre pr uske chhote bete ka privar. mere vichar se maala flat se alg hai aur vhan awaze aasani se upr niche ghuspaith kr skti hain.
  2. smsya tishre maale ki asmrthta hai aur vo dr dr k smad sthapit krta hai
Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on March 21, 2018 at 10:36pm

कुछ उलझी सी कथा लगी, हर माले की आवाज़ कैसे पहचानी? पहले माले से .... दुसरे माले से इस तरह से कैसे जाना ? क्षमा सहित| सादर| 

Comment by Samar kabeer on March 21, 2018 at 10:15am

अच्छी लघुकथा हुई है,बधाई स्वीकार करें ।

आपने शीर्षक ग़लत लिख दिया है,सही शब्द है "शुतरमुर्ग़"यानी ऊंट के जैसा मुर्ग़ ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"सभी अशआर बहुत अच्छे हुए हैं बहुत सुंदर ग़ज़ल "
2 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

पूनम की रात (दोहा गज़ल )

धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।जगमग है कण-कण यहाँ, शुभ पूनम की रात।जर्रा - जर्रा नींद में ,…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी

वहाँ  मैं भी  पहुंचा  मगर  धीरे धीरे १२२    १२२     १२२     १२२    बढी भी तो थी ये उमर धीरे…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"आ.प्राची बहन, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"कहें अमावस पूर्णिमा, जिनके मन में प्रीत लिए प्रेम की चाँदनी, लिखें मिलन के गीतपूनम की रातें…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"दोहावली***आती पूनम रात जब, मन में उमगे प्रीतकरे पूर्ण तब चाँदनी, मधुर मिलन की रीत।१।*चाहे…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"स्वागतम 🎉"
Friday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

१२२/१२२/१२२/१२२ * कथा निर्धनों की कभी बोल सिक्के सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के।१। * महल…See More
Jul 10
Admin posted discussions
Jul 8
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Jul 7
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service