For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जीरो लॉस(लघु कथा)

'देख लूँगा स्साले को।'
-अरे क्या हुआ?कुछ बोलोगे भी?
-हम कालाबाजारी वाला केस जीत गये।
-बल्ले-बल्ले रे भइये।इ तो नच बलिये हो गवा।
-बाकिर वकीलवा पेंच फँसा रहल बा नु।
-उ का?
-उहे फ़ीस के लफड़ा।
-उ त सब फरिआइये गइल रहे।सात बरिस के फ़ीस एकमुश्ते देवे के रहे।
-हँ भाई, पूरे अठाईस गो सुनवाई भइल बा।
-त अठाइस हजार रुपिया भइल,आउर का?दियाई उनके।
-ना नु भाई,उ अब अबहीं के हिसाब से फ़ीस जोड़ ता। चार हजार रुपैया फी पेशी।
-बात त हजारे रुपया पेशी के भइल रहे।उ पगलाइल बा का?
-कहत रहे कि लॉस हो जाई?
-कइसे?
-ओकर फ़ीस अब बढ़ गइल बा।
-दुमुँहा बा इ ससुरा।उ अँइचे वकीलवा ठीक बा।
-उ कइसे?
-टू जी कुछो होला नु।उ ओमे 'जीरो लॉस' के बात कहता। बबुआ कहत रहे', भोला बोला।
-त ठीके बा ओ दुनु के मिला दियाई।अब अइसन केस सिबुए के दियाई',गणेश ने निर्णय सुना दिया।
-आरे इ चोर-चोर मउसेरा भाई होलन सन।सरकारी खजाना के बात दूसर बा,एकनी के जेब के दूसर',भोला बोला।
"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 533

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by नाथ सोनांचली on December 26, 2017 at 8:40am

आद0 मनन कुमार जी सादर अभिवादन। उम्दा प्रस्तुति पर बधाई स्वीकारें।

Comment by Manan Kumar singh on December 24, 2017 at 10:33pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय मेहता जी।

Comment by VIRENDER VEER MEHTA on December 24, 2017 at 9:39pm
सुन्दर रचना। आंचलिक भाषा में अच्छे कथ्य लिये इस रचना के लिये बधाई स्वीकार करे मनन कुमार जी।
Comment by Manan Kumar singh on December 24, 2017 at 6:35pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय समर जी,नमन।

Comment by Samar kabeer on December 24, 2017 at 3:20pm

जनाब मनन कुमार सिंह जी आदाब,उम्दा कथा,बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Manan Kumar singh on December 24, 2017 at 1:58pm

आभार भाई

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 24, 2017 at 1:48pm

बहुत खूब हार्दिक बधाई ।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on December 24, 2017 at 9:28am

बहुत बढ़िया कटाक्षपूर्ण रचना के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी। क्षेत्रीय भाषाई संवाद भी अधिकतर समझ में आ गए। शीर्षक भी बढ़िया रहा। चोर-चोर मौसेरे भाई और भ्रष्टाचार का चक्र/ अंतर्जाल।

Comment by Manan Kumar singh on December 23, 2017 at 8:40pm

आदरणीय कालीपद जी,आपका बहुत बहुत आभार।लिखने तो चला था हिंदी में ही,पर बीच में आकर भोजपुरी कुलाँचें मारने लगी थी।

Comment by Kalipad Prasad Mandal on December 23, 2017 at 8:16pm

आ मनन कुमार जी ,खड़ीबोली में लिखते तो पूरी बात समझ में आती ,ये बुन्देली ,अवधि , ब्रज कौन सी बोली है | सारांश तो समझ गए \ बहुत अच्छा लघु कथा | बधाई आपको |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
6 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
6 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
9 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
9 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
9 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
9 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
9 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service