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ईद का तोहफ़ा – लघुकथा –

ईद का तोहफ़ा – लघुकथा –

"चलो ना बाबा, देर हो रही है। मेरा दोस्त इंतज़ार कर रहा होगा, उसके लिये तोहफ़ा भी लेना है"

रघु के छह साल के नाती ने जैसे ही रघु के सामने अपने दोस्त के घर ईद की बधाई देने जाने की ज़िद की तो उसके सामने   पचास साल पहले की वह घटना चलचित्र की तरह घूम गयी।

रघु उस समय छटी कक्षा में था।  असलम भी उसी के साथ पढ़ता था। उस दिन ईद के कारण स्कूल की  छुट्टी थी। शाम को सब बच्चे खेल रहे थे कि तभी इंदर ने सुझाव दिया कि चलो असलम को ईद की बधाई देकर आते हैं। सब इकट्ठे होकर असलम के घर पहुँच गये।

असलम और उसका परिवार ऐसे खुश हुआ जैसे कोई खास  मेहमान आये हों। खूब खातिर की। सब को खाना खिला कर ही जाने दिया।

घर में देरी से पहुंचने  का कारण पूछने पर रघु ने सब सच बता दिया। एक जोर का  झन्नाटेदार तमाचा रघु के गाल पर पड़ा। वह सिसकता हुआ अपने कमरे में चला गया। पिता से यह पूछने की हिम्मत नहीं थी कि उसे किस बात पर थप्पड़ पड़ा।

 इस घटना को पचास साल हो गये थे, मगर रघु आजतक भी इसे भुला ना सका था। क्योंकि यह घटना उसके सबसे अज़ीज़ दोस्त असलम और उसके त्यौहार से जुड़ी थी। लेकिन पिता के डर और संस्कारों की डोर से बंधे होने से, रघु दुबारा कभी असलम के घर नहीं गया।

"बावा, चलो ना, क्या सोच रहे हो"।नाती ने पुनः रघु को खींचा तो रघु की तंद्रा भंग हुयी।

घर के अन्य सदस्यों ने भी रघु को नाती के साथ चले जाने की गुहार लगा दी।

रघु को मज़बूरन अपने नाती को उसके दोस्त के घर लेकर जाना ही पड़ा। रघु का नाती जिस घर पर लेकर पहुंचा,  यह वही असलम का घर था जहाँ पचास साल पहले आने पर चाँटा पड़ा था।

 मौलिक एवम अप्रसारित

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Comment by TEJ VEER SINGH on October 3, 2017 at 5:54pm

हार्दिक आभार आदरणीय विजय निकोरे जी।

Comment by vijay nikore on July 2, 2017 at 2:10pm

अच्छा संदेश देती लघु कथा के लिए बधाई।

Comment by TEJ VEER SINGH on July 2, 2017 at 12:27pm

हार्दिक आभार आदरणीय नीता कसार जी।

Comment by Nita Kasar on July 1, 2017 at 7:50pm
संदेशप्रद कथा के लिये बधाई आद० तेजवीर सिंह जी ।बचपन में घटी घटना बड़े होने तक प्रभावित करती है ।
Comment by TEJ VEER SINGH on July 1, 2017 at 7:08pm

हार्दिक आभार आदरणीय डॉ आशुतोष मिश्रा जी।

Comment by TEJ VEER SINGH on July 1, 2017 at 7:07pm

हार्दिक आभार आदरणीय बृजेश कुमार "ब्रज" जी।

Comment by Dr Ashutosh Mishra on July 1, 2017 at 4:18pm

आदरणीय तेजवीर जी सार्थक सन्देश देती इस शानदार रचना के लिए ढेर सारी बधाई स्वीकार करें सादर 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on July 1, 2017 at 12:13pm
उत्तम बहुत ही उत्तम भावों से ओतप्रोत..हार्दिक बधाई
Comment by TEJ VEER SINGH on July 1, 2017 at 10:10am

हार्दिक आभार आदरणीय तस्दीक अहमद खान साहब जी।

Comment by TEJ VEER SINGH on July 1, 2017 at 10:10am

हार्दिक आभार आदरणीय समर क़बीर साहब जी।

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