For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"तरही ग़ज़ल , जनाब रवि शुक्ल साहिब की नज़्र"

फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फाइलुन

पहले अपनी रूह का ये मक़बरा रोशन करें
और इसके बाद हम सोचें कि क्या रोशन करें

गर मयस्सर घी नहीं है,तेल का रोशन करें
मन्दिर-ओ-मस्जिद में जाएँ इक दिया रोशन करें

ये हमारी ज़िम्मेदारी है, हमारा फ़र्ज़ भी
नाम अपने बाप दादा का सदा रोशन करें

नफरतों के इन अँधेरों को मिटाने के लिये
हम चराग़ उल्फ़त के यारो जा ब जा रोशन करें

याद कर के नज़्म 'हाली'की,ज़ईफ़ा की तरह
झुटपुटे के वक़्त मिट्टी का दिया रोशन करें

आम कर दीजे 'ज़फ़र' साहिब के इस पैग़ाम को
"इक दिया जब साथ छोड़े, दूसरा रोशन करें

--समर कबीर
मौलिक/अप्रकाशित

Views: 1000

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Samar kabeer on May 22, 2017 at 11:33am
प्रिय भाई विजय निकोर जी आदाब,सबसे पहले तो मुआफ़ी चाहता हूँ कि किन्हीं उलझनों के कारण आपके सन्देश का जवाब नहीं दे सका,शायद आपने अपने संदेश में इसी ग़ज़ल का ज़िक्र किया है ।
ग़ज़ल आपको पसंद आई लिखना सार्थक हुआ,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिये आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।
आपके माध्यम से मंच को बताना चाहता हूँ कि रमज़ान का महीना 27 मई से शुरू होने जा रहा है,इस कारण 25-5-2017 से में मंच से एक महीने तक ग़ैर हाज़िर रहूँगा,इसके लिये जनाब प्रधान संपादक महोदय से भी आज रज़ा लूंगा ।
Comment by vijay nikore on May 20, 2017 at 12:50am

//पहले अपनी रूह का ये मक़बरा रोशन करें
और इसके बाद हम सोचें कि क्या रोशन करें//

अज़ीज़ समर भाई, पढ़ कर खुश हूँ और हैरान भी हूँ, कि इस एक ही शेर में आपने कैसे spirituality की सबसे बड़ी और अच्छी मिसाल दे दी। दिल से दाद देता हूँ, और शुक्रिया कि यह गज़ल पढ़ने को मिली।

Comment by Samar kabeer on May 15, 2017 at 5:42pm
जनाब महेन्द्र कुमार जी आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिये आपका शुक्रगुज़ार हूँ ।
Comment by Mahendra Kumar on May 15, 2017 at 12:12pm

पहले अपनी रूह का ये मक़बरा रोशन करें
और इसके बाद हम सोचें कि क्या रोशन करें ...वाह! वाह!! क्या ख़ूब मतला है आदरणीय समर कबीर सर. इस रोशन ग़ज़ल के लिए ढेर सारी बधाई स्वीकार कीजिए. सादर. 

Comment by Samar kabeer on May 12, 2017 at 6:14pm
जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह जी आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिये आपका शुजरगुज़ार हूँ ।
Comment by Samar kabeer on May 12, 2017 at 6:13pm
जनाब तस्दीक़ अहमद साहिब आदाब,आपसे गुज़ारिश हे कि ग़ज़ल तवज्जो से पढ़ा करें ।
सुख़न नवाज़ी के लिये आपका शुक्रगुज़ार हूँ ।
Comment by Samar kabeer on May 12, 2017 at 6:10pm
जनाब रवि शुक्ला जी आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और दाद-ओ-तहसीन के लिये आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।
Comment by Samar kabeer on May 12, 2017 at 6:08pm
मोहतरमा कल्पना भट्ट साहिबा आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिये आपका शुक्रगुज़ार हूँ ।
Comment by Samar kabeer on May 12, 2017 at 6:07pm
जनाब नरेन्द्रसिंह चौहान साहिब आदाब,सूझन नवाज़ी के लिये आपका शुक्रञ्जर हूँ ।
Comment by Samar kabeer on May 12, 2017 at 6:04pm
जनाब राघव प्रियदर्शी साहिब आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिये आपका शुक्रगुज़ार हूँ ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छः दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रस्तुति को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।हार्दिक आभार "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"किसी भोजपुरी रचना पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्द्धन किया जाना मुझे अभिभूत कर रहा है। हार्दिक बधाई,…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुन्दर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
Wednesday
Shyam Narain Verma replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर भोजपुरी ग़ज़ल की प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

गजल : निभत बा दरद से // सौरभ

जवन घाव पाकी उहे दी दवाईनिभत बा दरद से निभे दीं मिताई  बजर लीं भले खून माथा चढ़ावत कइलका कहाई अलाई…See More
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Sunday
Shyam Narain Verma commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर और ज्ञान वर्धक लघुकथा, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
Feb 1
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
Feb 1

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service